भागलपुर : भागलपुर में कोल्ड स्टोरेज अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं. 25 वर्ष पहले जहां जिले में नौ कोल्ड स्टोरेज थे. सुविधा व माल के अभाव में पांच कोल्ड स्टोरेज धीरे-धीरे बंद हो गये और अन्य भी बंद होने के कगार पर हैं. कोल्ड स्टोरेज संचालकों ने बताया कि 25 वर्ष पहले भागलपुर आलू व अन्य सब्जियों के उत्पादन में प्रदेश में अव्वल था.
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एक के बाद एक कोल्ड स्टोरेज बंद
भागलपुर : भागलपुर में कोल्ड स्टोरेज अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं. 25 वर्ष पहले जहां जिले में नौ कोल्ड स्टोरेज थे. सुविधा व माल के अभाव में पांच कोल्ड स्टोरेज धीरे-धीरे बंद हो गये और अन्य भी बंद होने के कगार पर हैं. कोल्ड स्टोरेज संचालकों ने बताया कि 25 वर्ष पहले भागलपुर आलू […]
अब तो खपत लायक भी उत्पादन नहीं होता है. केवल आलू का उत्पादन 1.56 लाख मीट्रिक टन से अधिक, प्याज का उत्पादन 51470 मीट्रिक टन व टमाटर 42400 मीट्रिक टन उत्पादन था. अब घटकर आलू का उत्पादन 50 हजार मीट्रिक टन, प्याज का उत्पादन 10 हजार मीट्रिक टन और टमाटर भी 10 हजार मीट्रिक टन पर पहुंच गया. ऐसे में यहां के कोल्ड स्टोरेज को बंगाल व अन्य स्थानों के माल पर निर्भर रहना पड़ता है.
जिले के कोल्ड स्टोरेज की स्थिति : कोल्ड स्टोरेज संचालक बनवारीलाल खेतान ने बताया कि पीरपैंती, हबीबपुर, कहलगांव, सबौर व बागवाड़ी का एक-एक कर कोल्ड स्टोरेज बंद हो गये. अभी वर्तमान में कहलगांव में दो, दाउदबाट में एक, तिलकामांझी-जबारीपुर में एक कोल्ड स्टोरेज चल रहे हैं.
उचित भंडारण के अभाव में नष्ट हो जाते हैं 40 प्रतिशत कृषि उत्पाद : इस्टर्न बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के महासचिव आलोक अग्रवाल ने बताया कि बिहार में उपजने वाले फल, सब्जी एवं अन्य कृषि उत्पाद में से लगभग 40 प्रतिशत उचित भंडारण एवं कोल्ड स्टोरेज की कमी से नष्ट हो जाते हैं. शेष बचे उत्पाद से भी एक बड़े हिस्से को भंडारण की उचित व्यवस्था ना होने के कारण किसानों को औने पौने दामों में बेचना पड़ता है.
सुविधा का है घोेर अभाव : आलोक अग्रवाल ने बताया कि यह देखते हुए बिहार सरकार की 2016 की औद्योगिक प्रोत्साहन नीति में कोल्ड स्टोरेज को प्राथमिकता क्षेत्र में रखा गया है. लेकिन जमीन की बढ़ती कीमतों, बियाडा द्वारा औद्योगिक क्षेत्रों में जमीन ना उपलब्ध करा पाना, भागलपुर क्षेत्र में अभी तक सड़कों, पुल और ट्रैफिक की बदहाल स्थिति, सरकारी योजनाओं का लाभ उद्यमियों को दिला पाने में जिला उद्योग केंद्र की नाकामी आदि कई कारण हैं जिनके कारण यहां कोल्ड स्टोरेज पर संकट है.
मोबाइल कोल्ड स्टोरेज के लिए आया था एक आवेदन, स्वीकृति मिलने पर आवेदक पीछे हटा : उद्यान विभाग के सहायक निदेशक अजय कुमार सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार, उद्यान विभाग की ओर से 13 लाख रुपये की लागत के मोबाइल कोल्ड स्टोरेज पर 50 फीसदी तक अनुदान दिया गया था. जागरूकता व प्रचार-प्रसार के अभाव में मात्र एक किसान ने आवेदन किया. इसके बाद भी निदेशालय ने उन्हें स्वीकृति दे दी. फिर किसान ही इसे खरीदने से पीछे हट गये.
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