भागलपुर : बिहार के भागलपुर में जीरोमाइल थाना क्षेत्र के इंजीनियरिंग कॉलेज के पीछे बगीचे में सोमवार सुबह आम तोड़ने गये संतोष कुमार (16) को बगीचे में आम का हिसाब कर रहे मुंशी ने गोली मार दी. गोली लगने के बाद संतोष ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचायी. भागते हुए घायल मीराचक स्थित अपने घर पहुंचा जहां से परिजन उसे लेकर जीरोमाइल थाना पहुंचे. जहां से पुलिस ने उसे मायागंज अस्पताल में भर्ती कराया. घटना के दो घंटे के भीतर ही पुलिस ने गोली मारने वाले मुंशी जितेंद्र कुमार को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद जितेंद्र को पहचान के लिए मायागंज में भर्ती घायल संतोष के पास लाया गया. जहां संतोष ने जितेंद्र की पहचान कर ली.
घटना सोमवार सुबह चार बजे की है. मायागंज अस्पताल में भर्ती संतोष ने बताया कि वह अपने दोस्तों के साथ बगीचे में टहलने के लिए गया था. शौच के लिए वह बगीचे में बैठा ही था कि बगीचे में आम का हिसाब किताब करने वाले एक व्यक्ति ने आम चोरी करने का आरोप लगा उसके साथ गाली गलौज करने लगा. जिसके बाद जितेंद्र ने अचानक अपनी कमर से पिस्टल निकाल पीठ में सटा दिया और गोली दाग दी. गोली उसके पीठ को भेदकर पंजरे से बाहर निकल गयी. गोली लगने के बाद संतोष जान बचाने के लिए मीराचक स्थित अपने घर की ओर दौड़ा. इस दौरान बगीचे में मौजूद रखवाली करने वाले के साथ जितेंद्र ने कुछ दूर तक उसका पीछा भी किया. पर आधे रास्ते से ही वापस लौट गये.
खून से लतपथ संतोष को परिजन उसे पहले जीरोमाइल थाना लेकर गए जहां से पुलिस उसे लेकर मायागंज अस्पताल पहुंच गयी. घटना के दो घंटे के भीतर ही जीरोमाइल पुलिस ने गोली मारने वाले मीराचक निवासी जितेंद्र कुमार को गिरफ्तार कर लिया और पहचान कराने मायागंज अस्पताल में भर्ती संतोष के पास लेकर पहुंची. जहां संतोष ने उसकी पहचान की. थानाध्यक्ष रंजन कुमार ने बताया कि घायल के बयान पर केस दर्ज कर आरोपित को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. स्थानीय लोगों के अनुसार संतोष हर रोज अपने दोस्तों के साथ बगीचे में आम तोड़ने के लिए आता था. जिसपर बगीचे में आम का हिसाब किताब करने वाले निजी मुंशी जितेंद्र ने गोली मार दी.
इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर स्थित आम बगीचे का तीन पार्टनर के पास ठेका
जितेंद्र ने बताया कि इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर में मौजूद आम बगीचे का ठेका मथुरापुर के रहने वाले मुकेश कुमार, मीराचक निवासी रामवृक्ष मंडल और सुनील तांती नाम के लोगों के पास है. उसने बताया कि दस दिन पूर्व ही आम का हिसाब किताब करने के लिए रामवृक्ष ने उसे रखा था. जहां हर रोज सुबह वह बगीचे में पहुंच टूटने और बिकने वाले आम का हिसाब करता था. हालांकि उसने संतोष को गोली मारने की बात से इंकार कर दिया.