– शहरवासियों को युवा अधिकारी से काफी उम्मीद बेतिया . स्थानीय नगर निगम में नगर आयुक्त पद पर पदस्थापित भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी लक्ष्मण तिवारी को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि उनके पदस्थापन के बाद नगरवासियों में उम्मीद की किरण जगी है. बताते है कि वर्ष 2020 में कैबिनेट की मंजूरी के बाद बेतिया नगर परिषद को नगर निगम का दर्जा दिया गया. पूर्व के 39 वार्डो के अतिरिक्त बेतिया प्रखंड के सात एवं नौतन प्रखंड के एक पंचायत को नगर निगम क्षेत्र में समाहित कर दिया गया. परिसीमन के बाद नगर निगम में 46 वार्ड बनाये गये. नगर निगम की अधिसूचना के दौरान वर्ष 2011 के जनगणना के मुताबिक इस क्षेत्र में 4 लाख की आबादी शामिल की गयी. जबकि यदि गौर किया जाय तो वर्तमान में नगर निगम क्षेत्र की आबादी करीब 6 लाख हो गयी है. क्षेत्रफल के हिसाब से करीब 12 वर्ग किलोमीटर के दायरे में नगर निगम क्षेत्र फैला हुआ है. लोगो को उम्मीद था कि बेतिया नगर निगम बनने के बाद शहर का विकास तेजी से होगा, लेकिन विकास की बात तो दूर शहर के अधिकांश इलाको में सड़क की जर्जरता, नालों पर अतिक्रमण कोढ़ में खाज की तरह है. शहरवासियों को हमेशा बारिश के दिनों में जलजमाव की समस्या से जुझना पड़ता है. निगम में छोटे बड़े मिलाकर आधा दर्जन फागिंग मशीनें रखी हुयी है लेकिन कुछेक इलाको को छोड़ दिया जाय तो वहां फागिंग का काम नदारद है. लोग जलजनीत बीमारियों से जूझ रहे है. बुडको के माध्यम से शहर को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए करीब 100 करोड़ की योजना का क्रियान्वयन किया गया लेकिन शायद हीं किसी इलाके के नागरिकों को सरकारी नल जल से स्वच्छ एवं शुद्ध पेयजल मिल पाता है. निगम में पिछले चार सालों से भ्रष्टाचार के आरोप भी लगते रहे है. कभी सफाई एजेंसी पर तो कभी निगम पार्षदों पर. होल्डिंग टैक्स के नाम पर लाखों रुपया का वारा न्यारा का भी आरोप लगे है, जो जांच का विषय है. नये निगम आयुक्त के लिए इन सभी समस्याओं से जूझना पड़ सकता है. —————- फोरलेन व स्ट्रॉम ड्रेनेज सिस्टम में अतिक्रमण सबसे बड़ी चुनौती शहर में सबसे महत्वाकांक्षी बुडको की ओर से स्ट्रॉम ड्रेनेज सिस्टम के तहत करीब 16 किलोमीटर बड़ा नाला का निर्माण कराया जाना है. कई इलाको में इसका निर्माण कार्य भी एजेंसी द्वारा आरंभ कर दिया गया है, लेकिन दुरदर्शिता के अभाव के कारण इन नालों का निर्माण भविष्य में दुखदायी साबित हो सकता है. कई इलाको में सरकारी सड़क का बेतरतीब तरिके से किये गये अतिक्रमणकारियों से भी निगम आयुक्त को सामना करना पड़ सकता है. विदित हो कि मुख्यमंत्री के प्रगति यात्रा के दौरान बरवत से लेकर जीएमसीएच तक फोर लेन सड़क की घोषणा की गयी. इस सड़क का चौड़ीकरण किया जाना है. जबकि करीब 4 किलोमीटर से अधिक नाला का निर्माण इन्ही सड़क के किनारे बुडको द्वारा प्रस्तावित है. यहीं हाल दुर्गाबाग मंदिर से लेकर एजीचर्च स्कूल तक बड़ा नाला का निर्माण कराया जाता है. जानकार बताते है कि इस सड़क में 15 से 20 फिट तक अतिक्रमण कर दो से तीन मंजिला इमारत अतिक्रमणकारियों द्वारा खड़ी कर ली गयी है. इन अतिक्रमणकारियों से भी नये नगर आयुक्त को रुबरु होना पड़ सकता है. इसके साथ हीं नगर की अन्य कई समस्यांए है जो सुरसा के मुंह की तरह मुंह बाये खड़ी है. बहारहाल, नये निगम आयुक्त से शहर वासियों को काफी उम्मीद है.
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