बेतिया. पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार सरकार के मंत्री डॉ. सुनील कुमार के द्वारा आज प्रमंडल पदाधिकारी, बेतिया वन प्रमंडल के कार्यालय का उद्घाटन किया गया. इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधि के साथ वाल्मीकि व्याघ्र आरक्ष, प. चंपारण, बेतिया के वन संरक्षक सह क्षेत्र निदेशक डॉ. नेशामणि के. बेतिया वन प्रमंडल पदाधिकारी आतीश कुमार व अमरेश कुमार समेत अन्य पदाधिकारीगण मौजूद रहे. माननीय मंत्री ने इस मौके पर वानिकी किसान, स्वयंसेवी संस्थाओं और जीविका दीदियों से भी मुलाकात की, जिनके सहयोग पौधारोपण का नियमित कार्य जारी है. उक्त अवसर पर पत्रकारों से बातचीत में डॉ. सुनील कुमार ने कहा कि हमारा विभाग जनभागीदारी का विभाग है. आज जब पूरी दुनिया ग्लोबल वार्मिंग के प्रकोप से डरी हुई, तक बिहार आदरणीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में आगे बढ़ चढ़ कर काम कर रहा है. इसमें बेतिया जिले का योगदान भी सराहनीय है. यहां लगातार पौधारोपण और पौधों का संरक्षण को प्राथमिकता देकर वन क्षेत्र को समृद्ध किया जा रहा है. यहां अधिक से अधिक वन क्षेत्र हैं, फिर भी विभाग लोगों के साथ मिलकर वन क्षेत्र को संवारे रहे हैं. मंत्री ने कहा कि हमारा विभाग हर साल आठ करोड़ पौधे उगाती है और उसके रोपण का भी कार्य करती है. इसमें वानिकी किसानों, जीविका दीदी और विभाग की ओर से पौधा रोपण का कार्य किया जाता है. बेतिया जिला का लक्ष्य डेढ़ लाख पौधे लगाने का है, जो लगातार हर वर्ष पूरा हो रहा है. घना वन क्षेत्र होने के बावजूद हम इस लक्ष्य को और बढाना चाहते हैं. इसके लिए हम वानिकी किसानों से आग्रह करेंगे कि वे खेती के साथ साथ पौधारोपण भी करें. इसके कई फायदे हैं. विभाग से 10 रूपये में पौधे उपलब्ध है, जिसके रोपण के तीन साल बाद सुरक्षित पौधे को गिन कर 70 रूपये की राशि विभाग किसानों को भुगतान करती है. हमारा प्रयास है कि हम अधिक से अधिक किसानों को इस योजना से जोड़ें और बिहार के हरित क्षेत्र का विस्तार करें. माननीय मंत्री द्वारा बेतिया वन प्रमंडल के अंतर्गत उदयपुर पार्क के उन्नयन उपरांत विश्व पर्यावरण दिवस से पूर्व इसके उद्घाटन की घोषणा की. मंत्री ने बताया कि इको पर्यटन के क्षेत्र में बेतिया वन प्रमंडल का कोई जोड़ नहीं है. लेकिन विगत कुछ वर्षों में आदरणीय मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में बिहार के अन्य क्षेत्रों में भी इस पर जोड़ दिया गया है. इसलिए विगत वर्ष के सर्वे के अनुसार, पर्यटकों के आगमन के मामले में राजगीर और बोधगया ने गोवा को भी पीछे छोड़ दिया है. हमारी सरकार राज्य में इको पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कृत संकल्पित है. उन्होंने बताया कि वन क्षेत्र के आसपास सभी ऐतिहासिक स्थल के उन्नयन का कार्य इको टूरिज्म को ध्यान में रखकर कराने का काम सरकार कर रही है. इसके अंतर्गत हम बक्सर में विश्वामित्र पार्क, रोहतास में गुप्तेश्वर धाम, बांका में मंदार पर्वत आदि का अवलोकन कर हम इसे इको टूरिस्ट प्लेस के रूप में विकसित करने का कार्य करेंगे. हमारा लक्ष्य है कि बिहार देश में इको टूरिज्म का हब बने और देश-दुनिया से सैलानियों का आगमन और अधिक संख्या में हो.
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