बेतिया . शहीद जुब्बा सहनी भारत छोड़ो आंदोलन के नायक थे. देश के प्रति उनके अंदर समर्पण की जो भावना थी, उससे युवा वर्ग को सीख लेनी चाहिए. उक्त बातें मुख्य अतिथि कार्यक्रम के आयोजक रविंद्र सिंह बौद्ध ने कही. वे शहीद जुब्बा सहनी के शहादत दिवस पखवाड़ा के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान अंग्रेजों की ओर से फांसी पर लटकाये गये शहीद जुब्बा सहनी ने मीनापुर थाने में घुसकर अंग्रेज इंचार्ज को चीता सजाकर जिंदा जला दिया था. आज हम उनके साहस और देश प्रेम के प्रति जज्बा को प्रणाम करते हैं. साथ ही सरकार से मांग करते हैं कि देश के ऐसे वीर सपूत की जीवनी को स्कूली बच्चों के चरित्र निर्माण के लिए उनके पाठयक्रम में शामिल करने की मांग की. वहीं श्री रविंद्र सिंह बौद्ध ने सरकार से मांग किया कि वीर सपूत को भारत रत्न मिलनी चाहिए. इसी तरह जनसुराज की नेत्री सह अधिवक्ता रश्मि राव ने ऐसे वीर सपूतों की जयंती और पुण्यतिथि को शिक्षण संस्थानों में अनिवार्य रूप से मनाये जाने की सरकारी घोषणा की मांग की. कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे गोरख महतो ने कहा कि गरीब परिवार में जन्मे शहीद जुब्बा सहनी अंग्रेजों द्वारा पकड़े जाने के बाद सारा जुर्म कबूल कर लिया और हंसते-हंसते फांसी पर लटक कर देश के लिए अपनी कुर्बानी दे दी और पूरे गांव को अंग्रेजों के प्रताड़ना से बचा लिया. आज हमें उनके शहादत पर गर्व है. कार्यक्रम को लालबाबू चौधरी, नौतन प्रमुख कृष्णदेव चौधरी, अरुण कुमार सिंह, रश्मि राव, नवल पाठक, शिव महतो, प्यारेलाल सहनी, शंभू सिंह, योगेंद्र राम, हीराराम, तुलसी राम, रणवीर सिंह, वीरेंद्र यादव, यशवंत सहनी, गौरी शंकर राम, रमेश प्रसाद, अशर्फी सहनी, आनंद किशोर, दीनानाथ प्रसाद आदि ने संबोधित किया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है