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अब पुलिस रडार पर बेल पर बाहर आए अपराधी और पेशेवर बेलर, तैयार होगी संदिग्धों की सूची

चंपारण प्रक्षेत्र में अपराध पर नियंत्रण के लिए पुलिस प्रशासन ने एक नई और कड़ी रणनीति लागू की है.

बेतिया. चंपारण प्रक्षेत्र में अपराध पर नियंत्रण के लिए पुलिस प्रशासन ने एक नई और कड़ी रणनीति लागू की है. हाल के दिनों में बेल पर जेल से बाहर आए अपराधियों के साथ-साथ उन पेशेवर बेलरों को भी अब पुलिस की रडार में शामिल किया गया है, जो नियमित रूप से संगीन मामलों में आरोपितों को जमानत दिलाने में सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं. डीआईजी हर किशोर राय ने रेंज के सभी एसडीपीओ को इस संबंध में स्पष्ट और सख्त निर्देश जारी किए हैं. निर्देश जारी होते ही रेंज के तीनों जिलों यथा बेतिया, बगहा और मोतिहारी में पुलिस की टीम संदिग्ध व्यक्तियों की सूची तैयार करने में जुट गई है.

डीआइजी ने कहा कि कई मामलों में यह देखा जा रहा है कि बेल पर छूटने के बाद अपराधी पुनः अपने पुराने नेटवर्क से जुड़ जाते हैं. शराब तस्करी से लेकर रंगदारी, लूट, चोरी और हत्या जैसे गंभीर अपराधों तक, कुछ आरोपी फिर सक्रिय होकर आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने लगते हैं. इसी कारण अब बेल पर छूटे हर अपराधी के मूवमेंट, संपर्क और गतिविधियों की बारीकी से निगरानी की जाएगी. पुलिस प्रशासन ने साफ किया है कि बेल पर बाहर आए आरोपियों की दिनचर्या से लेकर उनकी मुलाकातों तक की जानकारी इकट्ठी की जाएगी. यदि किसी भी स्तर पर अवैध गतिविधि में शामिल होने के संकेत मिलते हैं, तो तत्काल कानूनी कार्रवाई की जाएगी. यही नहीं, अपराध की श्रेणी के अनुसार प्रत्येक थाना क्षेत्र में अपराधियों की कैटेगरी-वाइज सूची भी तैयार की जा रही है, ताकि किसी भी वारदात की स्थिति में संदिग्धों की पहचान और गिरफ्तारी आसान हो सके.

जांच के घेरे में अब पेशेवर बेलर भी, तैयार होगा डाटा बैंक

इस बार पुलिस की निगरानी का दायरा केवल अपराधियों तक सीमित नहीं है. ऐसे लोग जो नियमित रूप से संगीन मामलों में लगातार बेलर के रूप में सामने आते हैं, उन्हें भी संदेह के दायरे में रखा गया है. पुलिस का मानना है कि कई मामलों में बेलरों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है. कुछ लोग अपराधियों को बाहर निकालने वाले नेटवर्क का हिस्सा भी हो सकते हैं.

इसी कारण पेशेवर बेलरों का डाटा बैंक तैयार किया जा रहा है, जिसमें उनके पुराने रिकॉर्ड, संपर्क और गतिविधियों का उल्लेख होगा. जरूरत पड़ने पर बेलरों की जांच और पूछताछ भी की जा सकेगी. डीआईजी ने स्पष्ट कहा कि बेलर के स्तर पर कोई गड़बड़ी पाई जाती है, तो उनके खिलाफ भी वैधानिक कार्रवाई की जाएगी.

अपराध पर अंकुश के लिए बहुस्तरीय रणनीति

अपराधियों की पहचान, निगरानी और श्रेणीवार सूची बनाने की प्रक्रिया तेजी से जारी है. हत्या, लूट, डकैती, रंगदारी, चोरी और तस्करी जैसे मामलों में शामिल पुराने अपराधियों को प्राथमिकता के साथ चिह्नित किया जा रहा है. थाना स्तर पर एसएचओ से लेकर एसडीपीओ तक को निर्देश दिया गया है कि संदिग्धों की निगरानी में किसी प्रकार की लापरवाही न हो,

पुलिस का मानना है कि निगरानी का दायरा बढ़ने से अपराधियों के लिए बेल पर छूटने के बाद फिर सक्रिय होना आसान नहीं रहेगा. यह नई पहल अपराध नियंत्रण के लिए एक सख्त और प्रभावी कदम मानी जा रही है, जिससे चंपारण रेंज में आपराधिक घटनाओं में गिरावट लाने में मदद मिलेगी.

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