बछवाड़ा. बुद्ध पूर्णिमा को लेकर बछवाड़ा के झमटिया धाम गंगा घाट पर गंगा स्नान के लिए सोमवार को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालुओं ने शारीरिक, मानसिक, सुख और मोक्ष की कामना को लेकर झमटिया धाम गंगा घाट पर अहले सुबह से ही गंगा स्नान को लेकर पहुंचने लगे. जिसके बाद हर हर गंगे के जयकारा के बीच गंगा घाट पर स्नान का सिलसिला लगातार जारी रहा. झमटिया घाट पर दिन भर श्रद्धालु निजी वाहन और ट्रेन से पहुंच कर गंगा स्नान करने में जुटे रहे. बछवाड़ा जंक्शन पर मिथिलांचल इलाके से जितनी भी ट्रेन आयी श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली. दिन भर गंगा स्नान करने वाले श्रद्धालुओं के हरहर महादेव के जयकारे से पूरा इलाका भक्तिमय वातावरण से गुंजायमान रहा. गंगा घाट पर श्रद्धालुओं के द्वारा स्नान कर विभिन्न मंदिरों में पूजा पाठ कर गंगा जल लेकर दिन भर अपने अपने घर के लिए प्रस्थान कर रहे थे. वहीं भीड़ के कारण झमटिया ढाला चौक एनएच 28 पर जाम का स्थिति बना रहा एवं दोनों बगल वाहनों की लंबी कतार लगी रही. एनएच 28 पर वाहन धीमी गति से चल रही थी. पूर्णिमा और भीड़ के बावजूद एनएच 28 पर पुलिस प्रशासन की कोई व्यवस्था नहीं की गयी थी. झमटीया घाट पर पूर्णिमा को लेकर दिनभर श्रद्धालु ने मुंडन का सिलसिला चलता रहा. मंदिर के पुजारी बैधनाथ झा ने बताया कि गंगा आदिकाल से सदैव मोक्षदायिनी रही है और मोक्ष दायिनी रहेगी. गंगा स्नान और पूजन से सभी प्रकार के लोभ, ईष्या और पाप का नाश होता है, लेकिन और पारलौकिक गति की प्राप्ति होती है. उन्होंने कहा बुध पूर्णिमा के अवसर पर गंगा स्नान करता है उसे ज्ञान प्राप्ति के आलावा सर्वकार्यों की प्राप्ति होती है. खासकर झमटिया धाम में गंगा स्नान से कई गुना अधिक फल प्राप्त होता है. बीहट प्रतिनिधि के अनुसार वैशाख मास की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा कहा जाता है. बुद्ध पूर्णिमा पर गंगा स्नान का विशेष महत्व माना गया है. सिमरिया घाट में सोमवार को वैशाखी पूर्णिमा को लेकर स्नान करने वालों की भीड़ अहले सुबह से ही उमड़ पड़ी. जिला और जिले के बाहर से आये श्रद्धालुओं ने इस मौके पर गंगा स्नान किया और घाट किनारे स्थित मंदिरों में पूजा-अर्चना कर परिवार के लोगों की मंगलकामना की. इस मौके पर सिमरिया घाट स्थित सर्वमंगला के अधिष्ठाता स्वामीचिदात्मनजी महाराज ने कहा कि वैशाखी पूर्णिमा बड़ी ही पवित्र तिथि है. दान पुण्य और धर्म-कर्म के अनेक कार्य इस दिन किये जाते हैं. वैशाख पूर्णिमा के दिन बुद्ध पूर्णिमा भी मनायी जाती है. इसी दिन भगवान बुद्ध को बुद्धत्व की प्राप्ति हुई थी. हिन्दू धर्मावलंबियों के लिए यह सत्य विनायक पूर्णिमा भी मानी जाती है. इस दिन अलग-अलग पुण्य कर्म करने से अलग-अलग फलों की प्राप्ति होती है. धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि इस दिन धर्मराज के निमित्त जलपूर्ण कलश और पकवान दान करने से गौ दान के समान फल प्राप्त होता है. साथ ही पांच या सात ब्राह्मणों को शर्करा सहित तिल दान देने से सब पापों का क्षय हो जाता है. इस दिन यदि तिल के जल से स्नान करके घी, चीनी और तिल से भरा हुआ पात्र भगवान विष्णु को निवेदन करें और उन्हीं से अग्नि में आहुति दें अथवा तिल और शहद का दान करें, तिल के तेल के दीपक जलाएं, जल और तिल का तर्पण करें अथवा गंगा आदि में स्नान करें तो व्यक्ति सब पापों से मुक्त हो जाता है. यदि इस दिन एक समय भोजन करके पूर्णिमा, चंद्रमा अथवा सत्यनारायण भगवान का व्रत करें, तो सब प्रकार के सुख संपदा और श्रेय की प्राप्ति होती है.
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