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गिरिधारी, स्वीटी, मनीष या जनार्दन को मंत्री पद!

बांका :सूबे की सरकार का गठन आज होने वाला है. सरकार के गठन के साथ ही जिले के लोगों के बीच यह हलचल पैदा हो गयी है कि यहां के कौन से सीट का विधायक मंत्री बनेगा. चर्चा है कि मंत्री पद के लिए सभी विधायकों की अपनी दावेदारी है. लेकिन विधायकों का कहना है […]

बांका :सूबे की सरकार का गठन आज होने वाला है. सरकार के गठन के साथ ही जिले के लोगों के बीच यह हलचल पैदा हो गयी है कि यहां के कौन से सीट का विधायक मंत्री बनेगा. चर्चा है कि मंत्री पद के लिए सभी विधायकों की अपनी दावेदारी है. लेकिन विधायकों का कहना है कि मंत्री पद देने का काम मुख्यमंत्री का होता है.

मुख्यमंत्री को लगेगा कि वे उस जिम्मेवारी को बखूबी निभा लेंगे, तो उनको ताज मिल जायेगा. दो बार सांसद व तीन बार विधायक रहने के कारण मंत्री बन सकते हैं गिरिधारी बेलहर के विधायक गिरिधारी यादव की दावेदारी सबसे ज्यादा है. क्यों कि चुनाव प्रचार के दौरान ही बेलहर के झामा मैदान पर तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की है थी कि वह विधायक नहीं मंत्री को चुन रहे हैं. इसके बाद से यहां के लोग काफी उत्साहित हैं.

वहीं अगर दूसरे परिदृश्य को देखा जाये तो यह सीट श्री यादव ने काफी कठिनाई के बाद 15 हजार से अधिक मत से जीता था. जानकारों के अनुसार, स्थानीय सांसद सह राजद के कद्दावर नेता जयप्रकाश नारायण यादव ने इनको टिकट देने का विरोध किया था. लेकिन जद यू की सीट पर यह यहां से विजयी हुए थे. विजयी होने के पूर्व ही विधायक श्री यादव ने खुलेआम कहा था कि सांसद और राजद के पूर्व विधायक रामदेव यादव के प्रचार की जरूरत नहीं है.

वह 15 हजार से ज्यादा मत से विजयी होंगे. और वह विजयी भी हुए. वहीं खास बात यह है कि यह दो बार सांसद रहते हुए तीन बार विधायक रहे हैं. अनुभव को ध्यान में रखते हुए जद यू कोटे से इनको विधायक बनने की प्रबल संभावना है. अनुभव का लाभ ले सकते हैं जनार्दन अमरपुर के विधायक जनार्दन मांझी के मंत्री पद देने के पीछे का कारण यह है कि वह लगातार तीसरी बार विधायक बने हैं. उम्र के हिसाब से भी यह काफी अनुभव रखते है.

खास बात यह है कि यह बांका के पूर्व सांसद स्व दिग्विजय सिंह के काफी करीबी माने जाते थे. लेकिन जब पूर्व सांसद जद यू छोड़ रहे थे तो उन्होंने अपने पार्टी लाइन पर रहते हुए नीतीश कुमार के साथ रहे. नीतीश कुमार ने श्री मांझी को जब जो जिम्मेवारी दी, उसमें वह शत प्रतिशत खरे उतरे. युवा चेहरे का लाभ ले सकते हैं मनीष धोरैया विधायक मनीष कुमार की संभावना इस लिए बन रही है कि ये लगातार तीसरी बार यहां से विधायक बने हैं.

युवा चेहरे के साथ एससी कोटे से होने के कारण जद यू से इनकी संभावना भी बन रही है. इस बार वह इस जिले के पांचों विधानसभा सीट में से सबसे ज्यादा मत से विजयी होने वाले विधायक भी हैं. स्वीटी को भी मिल सकता है मौकाकटोरिया (एसटी) सीट से पहली बार विधायक बनी स्वीटी सीमा हेंब्रम युवा विधायक हैं.

यह पहली बार ही राजद के टिकट से चुनाव मैदान में उतरी थीं और भाजपा से यह सीट छीनते हुए 9 हजार से ज्यादा मत से विजयी हुईं. ये राजद सांसद जय प्रकाश नारायण यादव की करीबी मानी जाती हैं. साथ ही इस जिले से राजद की एक मात्र विधायक हैं.

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