अस्ताचलगामी भगवान भास्कर अर्घ्य
बांका : 5 हल्दी आदि की खरीदारी करते श्रद्धालु 6 गन्ना की खूब हुई बिक्री7 फल की खरीदारी करते लोग. 8 नारियल दुकान पर लगी रही भीड़ बांका. छठ पूजा को लेकर व्रतियों ने पूरी तैयारी कर ली है. नदी, नहर, तालाब व अन्य स्थानों पर भगवान भास्कर की आराधना करते हुए संध्या अर्घ्य देंगे.
सोमवार को फल सहित पूजन सामग्री की खरीदारी करने के लिए बाजार में लोगों को भीड़ देर शाम तक लगी रही. भीड़ को लेकर फल सहित पूजन के विभिन्न सामग्री के कीमतों में दो से तीन गुणा वृद्धि देखी गयी. महंगाई को लेकर ग्राहक किलो के जगह पाव व छोटे-छोटे सामग्री की खरीदारी कर रहे थे. केला, नारियल, गन्ना, हल्दी व आदि के पौधा का भाव आसमान पर रहा.
इन पर रही महंगाई की मार केला :40 से 60 रुपये दर्जन पीला केला का खानी : 400 से 600 रुपये नारियल : 120 से 160 जोड़ा हल्दी व अदरक का पौधा : 15 से 20 रुपये पीस गन्ना : 8 से 15 रुपये पीस डाभा नीबू : 30 से 60 रुपये पीस प्रसाद हुआ वितरण छठ करने वाले व्रती ने सोमवार को शाम में दूध के बने खीर व गन्ना के रस से बने रसिया सहित पूजन सामग्री को लेकर भगवान सूर्य की आराधना करते हुए खरना पूजा की. इसके बाद व्रती ने खीर को प्रसाद के रूप में ग्रहण किया.
देर शाम तक मुहल्ला सहित आस-पास के लोग एक दूसरे के घर पहुंच कर प्रसाद को ग्रहण किये. छठ घाट बन कर हुआ तैयार चांदन नदी, ओढ़नी, केतरिया,नहर व तालाब घाटों की साफ -सफाई व सजावट की तैयारी पूरी कर ली गयी है. इसको लेकर पूजा समिति भी कई दिनों से कड़ी एक जुट होकर मेहनत करने में लगे हुए है. शहर स्थित चार जगहों पर सूर्य की प्रतिमा स्थापित की जायेगी. जिसके लिए पंडालों का निर्माण किया गया है. विजयनगर के ओढ़नी नदी तट, तारा मंदिर घाट,
एमआरडी स्कूल के करीब चांदन नदी, अलीगंज स्थित बने सूर्य मंदिर में भगवान भास्कर का प्रतिमा स्थापित की जायेगी. व्रती सहित श्रद्धालु को घाट तक जाने में किसी तरह की परेशानी नहीं हो इसको लेकर समिति का गठन किया गया है. जो रास्ते की साफ-सफाई से लेकर रोशनी कर सुविधा पर ध्यान बनाने रखेंगे.
इस संबंध में समिति के सदस्य संजय कुमार राउत, प्रभाष कश्यप, चंदन कुमार, प्रदीप कुमार, मुन्ना, पुतुल कुमार, मनोज कुमार, रंजीत कुमार सहित अन्य ने बताया कि कई वर्षों से समिति के द्वारा तैयारी की जाती है. व्रती के लिए घाट निर्माण सहित अन्य सुविधा मुहैया करायी जाती है. अर्घ्य के लिए दूध एवं जल की व्यवस्था भी समिति के द्वारा की जाती है.