प्रतिनिधि :अमरपुर 11 वर्षों से जारी विवाद में गत दिनों आखिरकार एक पंचायत सेवक की हत्या कर दी गयी.
लोगों का कहना है कि 2004 में विंदेश्वर मांझी के पुत्र सुभाष मांझी की हत्या राजीव बगबैय, नूतन बगबैय के द्वारा की गयी थी, लेकिन पुलिस अब तक सुभाष मांझी के शव का पता नहीं लगा सकी है.
ग्रामीणों के दबाव के चलते उस वक्त पुलिस ने मृतक सुभाष मांझी की पत्नी संजू देवी से पूछताछ की थी, जिसमें राजीव बगबैय व नूतन बगबैय के द्वारा हत्या करने की बात कही गयी थी. दोनों ही अभियुक्त को अमरपुर पुलिस ने भागलपुर के लॉज से गिरफ्तार किया था. दोनों आरोपी ने अपना नाम बदल कर बता रहे थे,
जिसे पुलिस ने पुख्ता पहचान के बाद जेल भेज दिया था. इसके बाद बेल पर निकलने पर 2007 में फिर सुभाष मांझी के पिता विंदेश्वर मांझी पर जानलेवा हमला किया गया, लेकिन दायें हाथ में गोली लगने से वे बच गये. इसके बाद से ही दोनों भाईयों के द्वारा गांव में खूनी होली खेलने की योजना शुरू कर दी गयी.
इस सब घटना को देख पंचायत सेवक राजेंद्र मांझी मृतक सुभाष मांझी की दोनों लड़की श्वेता कुमारी, सिंपल कुमारी का अपने घर पर रख कर लालन-पालन करने लगा. इसमें बड़ी लड़की की शादी भी इन्हीं के द्वारा कराये जाने की बात कही जा रही है. दूसरी लड़की की भी शादी कराने की बात चलने की जानकारी दी जा रही थी,
लेकिन इस घटना के सूचक निवास का कहना है कि संजू देवी व राजीव बगबैय एक ही जगह रह रहे हैं. इस घटनाक्रम में गांव के कुछ असामाजिक तत्वों का भी हाथ होने की बात कही जा रही है. वहीं थानाध्यक्ष राजेश कुमार मंडल ने बताया कि संबंधित अपराधी के छुपाने के ठिकाने का पता लगाया जा रहा है.