14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

छत गिरने का लगा रहता है भय

राजकीय बालिका प्रोजेक्ट विद्यालय का भवन जजर्र बौंसी : राजकीय बालिका प्रोजेक्ट विद्यालय का भवन निर्माण नहीं होने से यहां की छात्राओं में उदासी है. विद्यालय को प्लस टू का दर्जा प्राप्त हो गया है परंतु यहां की हालत इतनी जर्जर है कि यहां आने से छात्रएं कतराती हैं. आज भी यह विद्यालय मात्र दो […]

राजकीय बालिका प्रोजेक्ट विद्यालय का भवन जजर्र
बौंसी : राजकीय बालिका प्रोजेक्ट विद्यालय का भवन निर्माण नहीं होने से यहां की छात्राओं में उदासी है. विद्यालय को प्लस टू का दर्जा प्राप्त हो गया है परंतु यहां की हालत इतनी जर्जर है कि यहां आने से छात्रएं कतराती हैं. आज भी यह विद्यालय मात्र दो कमरों में चल रहा है. स्कूल के दोनों कमरों की छतों में दरार आ गयी है. छात्राओं के ऊपर कभी भी छत गिर सकती है. बरसात में तो विद्यालय की हालत और भी खराब हो जाती है.
विद्यालय निर्माण के लिए एक साल पूर्व एक करोड़ तीन लाख का टेंडर हो चुका है. देवघर के संवेदक को काम भी मिला था, लेकिन विद्यालय में कम जमीन रहने की वजह से इसका निर्माण नहीं हो पाया. दुबारा फिर नये सिरे से कंस्ट्रक्सन का डिजाइन तैयार कर विभाग को दिया गया जिसके अनुसार अब दो तल्ले के बजाय तीन मंजिला भवन बनना है, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता की वजह से करीब एक साल हो जाने के बाद भी अब तक इसका निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हो पाया. छात्राओं के समक्ष सबसे बड़ी समस्या शौचालय की है.
इससे तंग आकर कई छात्राओं ने विद्यालय आना बंद कर दिया है. पेयजल के लिए स्कूल में चापाकल खराब है. पेयजल की समुचित व्यवस्था नहीं होने से छात्राओं को पेयजल के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है. स्कूल के पंप से आर्सेनिक युक्त पानी निकलने के कारण छात्राओं में पेयजल संबंधित बीमारियां हो रही है. रेफरल के चिकित्सक डा़ ऋषिकेश कुमार ने बताया कि दूषित पानी पीने से लीवर एवं गुर्दे संबंधित बिमारियां हो सकती है.
शिक्षकों की कमी : इस विद्यालय में शिक्षकों की कमी है. हाइस्कूल में जहां छह शिक्षक ही हैं जिनमें गणित व अंग्रेजी के शिक्षक नहीं है. छात्राओं को इन दो विषयों की पढ़ाई नहीं हो पाती. वहीं उच्चतर माध्यमिक में विज्ञान के शिक्षक ही नहीं है. तीन कला में हैं जिसमें हिंदी में एक एवं एक राजनीति शास्त्र में है.
पढ़ाई बाधित : विद्यालय की छात्राओं ने बताया कि यहां पर समस्याओं का अंबार है. भवन नहीं होने से पढ़ाई बाधित हो रही है.
शिक्षकों की कमी होने के वजह से विषयवार पढ़ाई नहीं हो पाती है. खेल के शिक्षक नहीं होने से खेलकूद का कार्य नहीं हो पाता है मालूम हो कि छात्राओं का एक मात्र विद्यालय होने से यहां पर पढ़ना मजबूरी है कम से कम यहां पर मूलभूत सुविधाओं को दे दी जाती तो यहां की छात्रएं भी कम कमाल नहीं करती.
कहती हैं प्राचार्य : विद्यालय की प्राचार्य रत्नप्रभा सिंह ने कहा कि विद्यालय प्रबंधन से लेकर उच्चाधिकारी भी इसी प्रयास में लगे हैं कि जल्द से जल्द विद्यालय के भवन का निर्माण हो जाए ताकि छात्राओं को बेहतर सुविधा प्राप्त हो सके.
कहते हैं एमडी
एमडी ब्रजेश प्रसाद ने कहा कि संवेदक कार्यपालक अभियंता से बात कर जमीन की सही साईज की नापी कराकर विभाग को भेज दें. जमीन के हिसाब से ही भवन निर्माण कार्य कराया जायेगा.
कहते हैं संवेदक
इस संबंध में संवेदक राजीव कमार ने बताया कि साल भर पहले जो नक्शा बनाकर दिया गया था वह दो तल्ले का था, लेकिन उसमें शौचालय व बाथरुम के लिए जगह नहीं मिल रही थी. जगह की कमी की वजह से पुन: नक्सा डिजाईन कराकर भेजा गया जिसके हिसाब से अब तीन मंजिला भवन निर्माण होना था उसमें भी जगह की कमी हो रही थी कई बार विभाग को लिखा गया, लेकिन अब तक कुछ नहीं हो पाया है जो टेंडर एक करोड़ तीन लाख का था जिसकी राशि अब तीस लाख और बढ़ गयी है. संवेदक ने बताया कि अब अगर विभाग मेरी सिक्युरिटी मनी वापस कर दे अन्यथा वो कोर्ट की शरण में जाएंगे.
कहते हैं जेइ
जेई अमित कुमार ने बताया कि विभाग को डिजाईन बनाकर दिया गया है जल्द ही विद्यालय भवन निर्माण कार्य प्रारंभ होगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें