सेविका-सहायिकाओं ने केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ जताया विरोध, की नारेबाजी प्रतिनिधि, औरंगाबाद शहर. बिहार राज्य आंगनबाड़ी वर्कर्स यूनियन (एक्टु) महासंघ, गोपगुट पटना के आह्वान पर शहर के क्षत्रिय नगर में जिला कमेटी की सेविका-सहायिकाओं ने केंद्र व राज्य सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ विरोध जताया. सेविका व सहायिकाओं ने सरकार विरोधी नारे लगाये. जिलाध्यक्ष बसंती देवी ने कहा कि सरकार जब तक उचित मानदेय की व्यवस्था नहीं करती है, तब तक सेविका-सहायिकाओ का विरोध एवं आंदोलन जारी रहेगा. इस महंगाई में भी सेविका-सहायिकाओं का मानदेय दैनिक मजदूरी से भी कम है. संघ द्वारा सरकार से विभिन्न मांगें की गयी. इसमें सेविकाओं को एफआरएस का कार्य करने के अविलंब मोबाइल उपलब्ध कराने की मांग की गयी. कहा कि जब तक मोबाइल एवं रिचार्ज का पैसा नहीं दिया जाता है, तब तक एफआरएस करने के लिए दबाव नहीं दिया जाये तथा चयन मुक्त करने की धमकी नहीं दी जाये. चार घंटा की जगह आठ घंटा कार्य अवधि निर्धारित करते हुए मानदेय में उचित वृद्धि की जाये. आंगनबाड़ी सेविका-सहायिकाओं को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाये. वहीं रिटायरमेंट के बाद पेंशन एवं ग्रेच्युटी की सुविधा प्रदान की जाये. इसके अलावा सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ग्रेच्युटी देने के आदेश को केंद्र सरकार द्वारा तत्काल लागू करने, सेविका-सहायिकाओं के मरणोपरांत उनके आश्रितों को एकमुश्त राशि एवं नौकरी सुनिश्चित करने की मांग की गयी. जब तक सरकारी कर्मचारी का दर्जा नहीं दिया जाता है, तब तक सेविका को 26 हजार तथा सहायिकाओं को 15 हजार रुपये मानदेय दिया जाये. साथ ही योग्यताधारी सेविका-सहायिका को सुपरवाइजर के पद पर पदोन्नति करने की मांग की गयी. मौके पर सचिव देवबली सिंह, जिला मंत्री प्रमिला कुमारी, कोषाध्यक्ष दिनेश कुमार, शंकर प्रसाद, पंकज, पुष्पा कुमारी, कुमारी विभा देवी, लीलावती देवी, विमला कुमारी, संजू, सुचिता कुमारी, उर्मिला कुमारी, पूनम कुमारी, रेखा कुमारी, सविता कुमारी, विंदा कुमारी, सुनीता कुमारी, संगीता, ललिता, करूणा सिन्हा सहित सैंकड़ों सेविका व सहायिका उपस्थित थीं.
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