औरंगाबाद (ग्रामीण) : शादी की रस्म-रिवाज के दौरान पति-पत्नी सात जनमों तक एक-दूसरे का साथ निभाने की कसमें खाते हैं. परिवार के लोग भी इनके कसमों के भागीदार होते हैं और भगवान इसके साक्षी बनते हैं.
लेकिन, शादी के 20 दिन बाद ही दोनों की जोड़ी टूट जाये, तो उन कसमों का क्या? वर्ष 2011 में 12 जून को ओबरा थाना क्षेत्र के नवनेर गांव की रागिनी देवी की शादी कुटुंबा थाना क्षेत्र के परसांवा गांव में अंजनी कुमार तिवारी के साथ बड़े ही धूमधाम से की गयी थी.
दोनों खुश थे. लेकिन, यह खुशी ज्यादा दिनों तक नहीं रही. रागिनी के हाथों की मेहंदी भी नहीं छूटी थी कि 20 दिन बाद ही मोटरसाइकिल के लिए ससुराल वालों ने प्रताड़ित करना शुरू कर दिया. पति अंजनी कुमार तिवारी, सुरेश तिवारी, सुमित्र देवी, अभय तिवारी रागिनी को हमेशा धमकी भी देते थे. कई बार मारपीट भी की. यहां तक की कई दिनों तक खाना-पीना भी बंद कर दिया.
रागिनी अपने पिता, जो एक मंदिर के पुजारी हैं, के बारे में कहती कि वे मोटरसाइकिल देने में सक्षम नहीं हैं. बावजूद इसके प्रताड़ना होती रही. दोनों पक्षों को एक करने के लिए पंचायत का सहारा भी लेना पड़ा. थक-हार कर विवाहिता को मायके भेज दिया गया. कुछ दिन बाद फिर सुसराल वाले रागिनी के मायके पहुंचे.
पति के बातों पर विश्वास कर वह ससुराल पहुंची, लेकिन फिर उसे मारपीट कर घर से निकाल दिया गया. प्रताड़ना से तंग आकर रागिनी न्याय की गुहार लेकर पुलिस के वरीय अधिकारियों तक पहुंची. महिला थानाध्यक्ष को अपनी आप-बीती सुनाते हुए आवेदन देकर न्याय की गुहार लगायी.
लेकिन, नतीजा कुछ भी नहीं निकला. फिर वह पुलिस अधीक्षक से मिली और वस्तुस्थिति से अवगत कराया. लेकिन उसे न्याय के बदले धमकी मिल रही है. रागिनी ने एसपी को दिये आवेदन में कई मोबाइल नंबरों का भी जिक्र किया, जिससे उसे धमकी दी गयी. चाहे वह कॉल के माध्यम से हो या फिर मैसेज से. इस मामले में महिला थाना प्रभारी शकुंतला कुमारी ने बताया कि 15 जनवरी को दोनों पक्षों के बीच सुलह की तिथि निर्धारित की गयी है. सुलह पर अगर राजी नहीं हुए, तो प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जायेगी.