आदर्श आचार संहिता की उड़ायी जा रही धज्जियां बाइक की जगह चारपहिये वाहन से मुखियाजी कर रहे प्रचारसरपंच व पंच भी पीछे नहीं, देर रात तक कर रहे प्रचार-प्रसार जिन प्रखंडों में नामांकन से लेकर नाम वापस लेने की तिथि समाप्त हो गयी है और उक्त प्रखंडों के प्रत्याशियों को चुनाव चिह्न आवंटित कर दिये गये हैं, वहां आदर्श आचार संहिता की धज्जियां उड़ायी जा रही है. उन प्रखंडों के प्रत्याशी अपने-अपने पंचायत में प्रचार अभियान को तेजी दे दी है. फोटो नंबर-8,परिचय- प्रत्याशी का वाहन काफिला प्रतिनिधि4औरंगाबाद (ग्रामीण)पंचायत चुनाव के आखिरी चरण का नामांकन आज से शुरू हो रहा है. वैसे कुटुंबा प्रखंड में भी नामांकन चल रहा है. 10 प्रखंडों का नामांकन कार्य समाप्त हो गया है. सात प्रखंडों में संविक्षा और नाम वापस लेने की तिथि भी समाप्त हो गयी है. बाकी बचे चार प्रखंडों का चुनाव प्रक्रिया प्रारंभ है. जिन प्रखंडों में नामांकन से लेकर नाम वापस लेने की तिथि समाप्त हो गयी है और उक्त प्रखंडों के प्रत्याशियों को चुनाव चिह्न आवंटित दिये गये हैं, वहां आदर्श आचार संहिता की धज्जियां उड़ायी जा रही है. प्रत्याशियों के लिए जो चुनाव खर्च निर्धारित किये गये हैं, उस पर भी कोई ध्यान नहीं दे रहा है, जिन प्रत्याशियों को 40 हजार रुपये चुनाव में खर्च करने हैं, वे नामांकन में ही इस आंकड़े को पार कर गये हैं. ये अलग बात है कि इनके खर्च पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. मुखिया, सरपंच व पंचायत समिति प्रत्याशी को 40 हजार रुपये चुनाव प्रचार में खर्च करना है, जबकि जिला पर्षद प्रत्याशी को एक लाख रुपये. वैसे प्रत्याशियों को पता है कि इतनी राशि में चुनाव कैसे लड़ा जा सकता है. पंचायत चुनाव का प्रचार-प्रसार अब तेज हो गया है. जिन प्रखंडों के प्रत्याशियों को चुनाव चिह्न आवंटित कर दिये गये हैं, उन प्रखंडों के प्रत्याशी अपने-अपने पंचायत में प्रचार अभियान को तेजी दे दी है. सच कहा जाये तो आदर्श आचार संहिता की धज्जियां उड़ायी जा रही है. मुखिया प्रत्याशी को 40 हजार रुपये खर्च करने है और उन्हें दो बाइक से चुनाव प्रचार करना है. लेकिन, मुखियाजी बाइक के नाम पर धूल उड़ाती चारपहिये वाहन से अपने समर्थकों के साथ प्रचार कर रहे हैं. एक-एक मुखिया प्रत्याशी दो से तीन वाहन के साथ घुम रहे हैं. वह भी सुबह से देर रात तक. ओरा, बसडीहा,पोइवां, नौगढ़, खैराबिंद सहित अन्य कई पंचायतों की स्थिति यही है. अपने समर्थकों के साथ धूल उड़ाते मतदाताओं से मिलने पहुंच रहे मुखियाजी को नियम कानून की कोई फिक्र नहीं है. यही हाल जिला पर्षद प्रत्याशियों की भी है. जिला पर्षद प्रत्याशी को एक हल्का मोटर वाहन या अधिकतम चार दुपहिया वाहन से चुनाव प्रचार करना है. लेकिन, काफिले के साथ जिप प्रत्याशी प्रचार कर रहे हैं. दोपहिया वाहनों का तो कहीं नामोनिशान नहीं है. यहां बता दें कि अभी तक लगभग आधे दर्जन प्रत्याशियों पर आचार संहिता का मामला दर्ज किया जा चुका है. काफिले के साथ पहुंच रहे नामांकन कराने जिला पर्षद को छोड़ कर पंचायत के अन्य पदों का नामांकन संबंधित प्रखंड में किया जा रहा है. जबकि, जिला पर्षद का नामांकन अनुमंडल कार्यालय औरंगाबाद से हो रहा है. जिला पर्षद प्रत्याशियों के नामांकन देखने से प्रतीत हो रहा है कि यह जिला पर्षद का नहीं बल्कि विधानसभा का नामांकन चल रहा है. हजारों की भीड़ के साथ वाहनों के काफिले लेकर जिप प्रत्याशी नामांकन के लिए पहुंच रहे हैं. अभी तक के नामांकन में तीन से चार ऐसे प्रत्याशियों ने नामांकन किया है, जिनका कद राजनीति में बेहतर माना जाता है. नेताजी अपने कद काठी का भरपूर इस्तेमाल करते हुए वाहनों के काफिले के साथ नामांकन के लिए पहुंचे. सभी गाड़ियों पर प्रत्याशियों के पोस्टर लगे थे. लेकिन, इस पर कोई रोक नहीं है. अगर रोक होती तो नामांकन करने से उन्हें रोक दिया जाता. अब ये तो चुनाव में लगे पदाधिकारी ही बता सकते हैं कि नियम और कानून क्या है.
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आदर्श आचार संहिता की उड़ायी जा रही धज्जियां
आदर्श आचार संहिता की उड़ायी जा रही धज्जियां बाइक की जगह चारपहिये वाहन से मुखियाजी कर रहे प्रचारसरपंच व पंच भी पीछे नहीं, देर रात तक कर रहे प्रचार-प्रसार जिन प्रखंडों में नामांकन से लेकर नाम वापस लेने की तिथि समाप्त हो गयी है और उक्त प्रखंडों के प्रत्याशियों को चुनाव चिह्न आवंटित कर दिये […]
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