पटना : पीरबहोर थाने में चेक क्लोनिंग कर संदलपुर निवासी व्यवसायी राकेश कुमार के खाते से 9.50 लाख की निकासी का मामला सामने आया है. शुक्रवार को भी जालसाज ने उनके खाते से 3.30 लाख चेक के माध्यम से निकालने की कोशिश की़ लेकिन आरोपित मोहित अरोड़ा (सासाराम के धर्मशाला रोड निवासी) को बैंक प्रशासन ने पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया.
गिरोह का सरगना फिलहाल फरार है. पूछताछ में मोहित ने बताया कि चेक भंजाने के एवज में गिरोह के सरगना की ओर से पांच हजार दिया जाना था. वह चेक भंजाने के लिए सासाराम से पटना आया था. उसने गिरोह में शामिल धीरज कुमार, गोलू कुमार व महेश के नाम की जानकारी पुलिस को दी है. मोहित ने बताया कि धीरज ने गोलू व महेश से उसकी दोस्ती करायी थी और उन दोनों ने ही उसे चेक दिया था.
क्लोन चेक को जांच के क्रम में बैंक प्रशासन ने पकड़ा : बताया जाता है कि मोहित आज 3.30 लाख का चेक लेकर एसबीआइ के दरियापुर शाखा में आया था. इस दौरान चेक की गहनता से जांच की गयी. जिसमें गड़बड़ी सामने अायी और व्यवसायी राकेश कुमार को भी दिखाया गया. मोहित ने जिस नंबर का चेक बैंक को दिया था, उसी नंबर का चेक राकेश कुमार के पास था.
इसके बाद मोहित को पीरबहोर पुलिस को सौंप दिया गया. मोहित के खिलाफ शाखा प्रबंधक नेहा सिन्हा ने पीरबहोर थाने में मामला दर्ज करा दिया है.पुलिस का इस मामले में कहना है कि चेक क्लोन करके पैसे नहीं निकाले गये हैं.
बल्कि, किसी दूसरे के वास्तविक चेक नंबर को हटा कर उस जगह पर व्यवसायी राकेश कुमार का चेक नंबर डाल कर पैसे निकाले गये. पीरबहोर थानाध्यक्ष गुलाम सरवर ने बताया कि इसमें बैंककर्मियों की संलिप्तता से इन्कार नहीं किया जा सकता है. लोकल स्तर पर चेक में गड़बड़ी की जा रही है. इस संबंध में जांच जारी है.
मोबाइल नंबर हैक कर तीन बार में निकाले रुपये
जालसाजों ने व्यवसायी राकेश कुमार के खाते से उनके चेक का क्लोन बना कर 14,15 व 20 फरवरी को तीन बार में 9.50 लाख निकाल लिये थे. राकेश कुमार को पैसे निकासी का मैसेज भी नहीं मिला. इसके लिए जालसाजों ने व्यवसायी का मोबाइल नंबर हैक कर लिया था़ ताकि, उन्हें मैसेज नहीं मिल पाये. वे जब अपना पासबुक अपडेट कराने 21 को गये, तो पैसे निकासी की जानकारी मिली.
मोबाइल बंद हो जाये, तो बैंक में कोई भी भुगतान रुकवाएं
अगर आपका मोबाइल फोन अचानक ही बंद हो जाये तो तुरंत ही बैंक में जा कर अपने खाता से किसी को भी भुगतान करने पर राेक लगा दें. मोबाइल फोन बंद करना जालसाजों की साजिश का एक हिस्सा बन गया है.
ताकि पैसे की निकासी का मैसेज नहीं मिल सकें. इसके लिए जालसाज आपके मोबाइल के संबंध में पूरी जानकारी देकर ब्लॉक करा देते हैं. जब तक आप कस्टमर केयर से बात कर अपना मोबाइल नंबर ठीक करवाते है तो उतने समय में जालसाज अपना काम सफलतापूर्वक निकल जाते हैं. व्यवसायी राकेश कुमार के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ और उन्हें पैसे निकासी का मैसेज नहीं मिला.