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मैरीकाम सहित चार भारतीय मुक्केबाज विश्व महिला मुक्केबाजी चैंपियनशिप के क्वार्टरफाइनल में, सरिता हारी

नयी दिल्ली : पांच बार की विश्व चैम्पियन एम सी मैरीकाम (48 किग्रा) सहित भारत की चार मुक्केबाजों ने रविवार को यहां विश्व महिला मुक्केबाजी चैंपियनशिप केक्वार्टरफाइनल में जगह पक्की की लेकिन एल सरिता देवी (60 किग्रा) में हार का सामना करना पड़ा. मैरीकोम ने यहां केडी जाधव हाल में कजाखस्तान की ऐजरिम कासेनायेवा को […]

नयी दिल्ली : पांच बार की विश्व चैम्पियन एम सी मैरीकाम (48 किग्रा) सहित भारत की चार मुक्केबाजों ने रविवार को यहां विश्व महिला मुक्केबाजी चैंपियनशिप केक्वार्टरफाइनल में जगह पक्की की लेकिन एल सरिता देवी (60 किग्रा) में हार का सामना करना पड़ा.

मैरीकोम ने यहां केडी जाधव हाल में कजाखस्तान की ऐजरिम कासेनायेवा को 5-0 से पराजित किया. भारत के लिये दोपहर के सत्र में युवा मुक्केबाज मनीषा मोन (54 किग्रा), लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा) और भाग्यवती काचरी (81 किग्रा) ने अपने मुकाबलों में जीत हासिल की थी.

विश्व चैम्पनशिप में छह पदक जीत चुकी मैरीकाम ने अपने अनुभव से कजाखस्तान की मजबूत प्रतिद्वंदी को चित किया. अब वह सेमीफाइनल में जगह बनाने के लिये मंगलवार को चीन की वु यू से भिड़ेंगी जिन्होंने फिलीपींस की जोसी गाबुको को मात दी.

पिछली बार भारत में आयोजित विश्व चैम्पयनशिप में सरिता ने यहां देशवासियों के सामने स्वर्ण पदक जीता था और वह दोबारा यह कारनामा करने की कोशिश में थी लेकिन आयरलैंड की 2016 विश्व चैम्पियनशिप की रजत पदकधारी एने कैली हैरिंगटन से 2-3 से हार गयीं जिसमें रैफरी ने सरिता के गिरने से काउटिंग शुरू कर दी.

सरिता ने बाद में कहा कि वह परिणाम से खुश नहीं है. उन्होंने कहा, खुश नहीं हूं, लेकिन कुछ नहीं कर सकते. हार जीत जिंदगी में लगी रहती है. यह फैसला मेरे पक्ष में होना चाहिए था. मैं विपक्षी के पैर में लगने से गिरी थी और रैफरी ने काउंटिंग शुरू कर दी. हालांकि इससे अंक नहीं कटते लेकिन दूसरे के पक्ष में नतीजा कर दिया गया.

उन्होंने कहा, मैंने तीनों राउंड जीते, लेकिन फैसला उनका था, दूसरे राउंड में काउटिंग कर दी, लेकिन फैसला दूसरे के पक्ष में कर दिया तो कुछ नहीं कर सकते. सरिता से पूछा गया कि क्या वह इसकी शिकायत करेंगी, उन्होंने कहा, नहीं, एक बार एशियाई खेलों के दौरान शिकायत की थी तो प्रतिबंध लगा दिया था. मैं अब अगले टूर्नामेंट की तैयारी में लग जाऊंगी.

पैंतीस साल की मैरीकाम का डिफेंस काफी बेहतर रहा और वह बीच बीच में ताकतवर मुक्कों से कासेनायेवा के खिलाफ अंक जुटाती रहीं. इससे जजों का फैसला 30–27, 30–27, 30–27, 30-27, 29-28 से उनके पक्ष में रहा. मैरीकाम ने कहा, पहले दौर की चुनौती जीतकर खुश हूं. दबाव था, लेकिन ऐसे दबाव पहले भी झेल चुकी हूं. सबकी मुझसे काफी उम्मीदें हैं, लेकिन दर्शकों के उत्साह और ऊर्जा से प्रेरणा मिलती है.

अगले मुकाबले के बारे में मैरीकाम ने कहा, मेरे खिलाफ चीन की लड़की है जो काफी चतुर और समझदार है. मैं इसी के हिसाब से रणनीति बनाकर खेलूंगी. सरिता से पहले रिंग में उतरी सभी भारतीय मुक्केबाजों शानदार जीत से अगले दौर में प्रवेश किया. भारत के लिये दिन में जीत की शुरुआत युवा मनीषा ने की, जिन्होंने मौजूदा विश्व चैम्पियन कजाखस्तान की डिना जोलामैन को 5-0 से परास्त किया.

पिछले मुकाबले में अमेरिका की अनुभवी व पिछली विश्व चैम्पयनशिप की कांस्य पदकधारी क्रिस्टीना क्रूज को शिकस्त देने वाली मनीषा पोलैंड में हुए टूर्नामेंट में भी डिना को हराया था. अब पदक दौर में पहुंचने के लिये उनका सामना मंगलवार को शीर्ष वरीय और 2016 विश्व चैम्पयनिशप की रजत पदक विजेता स्टोयका पैट्रोवा से होगा.

मनीषा ने अपने प्रतिद्वंदी से लंबे होने का फायदा उठाया. उन्होंने फिर से दूर से खेलते हुए दायें और बायें हाथ के पंच लगाने की अपनी रणनीति कायम रखी जिसका नतीजा फिर उनके हक में रहा. पांचों जज ने उन्हें 30-27, 30-27, 30-27, 29-28, 29-28 अंक प्रदान किये. वहीं लवलीना ने दिन की दूसरे मुकाबले में पनामा की एथेयना बाईलोन को सर्वसम्मत फैसले में 5-0 से हराया.

इस मुकाबले में हालांकि दोनों मुक्केबाजों ने कई बार एक दूसरे को नीचे गिराया. असम की यह मुक्केबाज काफी मजबूत है और उसने शुरू से ही आक्रामकता अख्तियार की लेकिन पनामा की एथेयना अपने रक्षण से उन्हें दूर रखने की कोशिश की.

भारतीय मुक्केबाज हालांकि जजों के फैसले में अव्वल उतरीं. उन्हें सभी पांचों जज ने 30–27 समान अंक दिये. अब लवलीना मंगलवार को ऑस्ट्रेलिया की काये फ्रांसेस स्कॉट से भिड़ेंगी जिन्होंने एक अन्य मुकाबले में कजाखस्तान की अकरके बखितजान को 5-0 से पराजित किया.

मुकाबले के बाद लवलीना ने कहा, फिटनेस इस मुकाबले में काफी अहम रही. अब अगले मुकाबले के बारे में सोच रही हूं जिसमें ऑस्ट्रेलियाई मुक्केबाज से भिड़ूंगी, मुझे लगता है कि मैं उससे अच्छी हूं. मैं उससे अभ्यास कर चुकी हूं. भाग्यवती ने लाइट हेवीवेट के शुरुआती दौर के मुकाबले में जर्मनी की इरिना श्कोनबर्गर को 4-1 से हराया और अब वह 20 नवंबबर को कोलंबिया की जेसिका पाओला से भिड़ेंगी.

भाग्यवती को लंबाई कम होने के कारण जर्मनी की मुक्केबाज के खिलाफ थोड़ा ज्यादा प्रयत्न करना पड़ा. हालांकि उनका पैर का मूवमेंट थोड़ा कमजोर लगा, लेकिन वह जबरदस्त मुक्कों की बदौलत जीत दर्ज करने में कामयाब रहीं। भारतीय महिला टीम के कोच इटली के रफाएल बर्गामास्को ने कहा, उसकी लंबाई थोड़ी कम थी और उसका पैर का मूवमेंट थोड़ा धीमा है लेकिन कुछ समय बाद वह निश्चित रूप से इसमें सुधार कर लेगी.

वह कुछ समय पहले ही राष्ट्रीय शिविर से जुड़ी है, बदलाव करने में थोड़ा समय जरूर लगेगा. युवा चीजें जल्दी सीख लेते हैं. सोमवार को भारत की चार मुक्केबाज चुनौती पेश करेंगी.

पिंकी रानी 51 किग्रा में एलिसी लिली जोंस से, सोनिया 57 किग्रा में बुल्गारिया की स्टैनिमीरा पेत्रोवा से, 64 किग्रा में सिमरजीत कौर स्काटलैंड की मेगान रेड से भिड़ेंगी जबकि 75 किग्रा में साविटी बूरा का सामना पोलैंड की एलजिबिएटा वोजसिक से होगा.

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