Netherlands pacer Vivian Kingma banned: आईसीसी ड्रग्स और नशे को लेकर काफी सख्त है. हाल ही में नीदरलैंड्स के तेज गेंदबाज विवियन किंगमा ने नशे का प्रयोग करते हुए मैच खेले. इस अपराध के सामने आने के बाद हुई जांच के बाद उन पर तीन महीने का प्रतिबंध लगाया गया है. 30 वर्षीय गेंदबाज ने इस अपराध को स्वीकार कर लिया है. हालांकि उन्होंने यह पदार्थ प्रतियोगिता से बाहर रहते हुए इस्तेमाल किया था. ICC ने उन्हें सजा के तौर पर समय प्रतिबंध के साथ इस दौरान उनके द्वारा खेले गए मैचों के सभी रिकॉर्ड्स भी हटा दिए हैं.
किंगमा का सैंपल 12 मई को नीदरलैंड्स और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच यूट्रेक्ट में खेले गए वनडे मैच के बाद लिया गया था. इसमें बेंजॉयलेक्गोनाइन (Benzoylecgonine) पाया गया, जो कोकीन का एक मेटाबोलाइट है और आईसीसी एंटी-डोपिंग कोड के तहत दुरुपयोग वाले पदार्थ (Substance of Abuse) की श्रेणी में आता है. उनके ऊपर लगाया गया यह बैन 15 अगस्त से प्रभावी है. हालांकि अगर किंगमा आईसीसी की ओर से तय किए गए ट्रीटमेंट प्रोग्राम को संतोषजनक ढंग से पूरा कर लेते हैं, तो यह सजा तीन महीने से घटाकर एक महीने कर दी जाएगी.
मैच के रिकॉर्ड्स करियर से हुए रद्द
इसके अलावा किंगमा के यूएई वनडे के बाद उनके सभी रिकॉर्ड भी रद्द कर दिए गए हैं. इस निर्णय के चलते उनके द्वारा नेपाल और स्कॉटलैंड के खिलाफ खेले गए दो वनडे मैचों के आंकड़े भी निरस्त हो गए हैं, जिनमें किंगमा ने कुल दो विकेट लेकर 122 रन दिए थे. इसके साथ ही स्कॉटलैंड के खिलाफ खेले गए एक टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच का रिकॉर्ड भी रद्द कर दिया गया है, जिसमें उन्होंने केवल तीन गेंदें फेंकी थीं.
रबाडा और ब्रेसवेल को भी झेलना पड़ा था प्रतिबंध
किंगमा का मामला हाल ही में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में नशीले पदार्थों से जुड़े उल्लंघनों की कड़ी में नया जुड़ाव है. पिछले एक साल में दक्षिण अफ्रीका के कगिसो रबाडा और न्यूजीलैंड के डग ब्रैसवेल को भी इसी कारण प्रतिबंध झेलना पड़ा. दोनों ही मामलों में शुरुआती तीन महीने का बैन घटाकर एक महीना कर दिया गया था, क्योंकि खिलाड़ियों ने सफलतापूर्वक आईसीसी-अनुमोदित पुनर्वास कार्यक्रम पूरे किए थे. रबाडा ने प्रतिबंधित दवा सेवन की बात कबूल की थी और उन्हें 3 अप्रैल 2025 को आईपीएल से भी बाहर होना पड़ा था. वहीं, ब्रैसवेल को 11 अप्रैल को निलंबित किया गया था, क्योंकि जनवरी में खेले गए सुपर स्मैश मैच में उनके सैंपल में प्रतिबंधित पदार्थ की मौजूदगी पाई गई थी.
आईसीसी मनोरंजन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले नशीले पदार्थों को भी गंभीर अपराध मानता है, लेकिन साथ ही खिलाड़ियों को पुनर्वास के लिए रास्ता भी उपलब्ध कराता है. किंगमा का मामला इस बात का उदाहरण है कि कड़े एंटी-डोपिंग नियमों के साथ-साथ सजा कम करने के लिए उपचार कार्यक्रम की सुविधा भी मौजूद है.
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