IND vs NZ: ICC चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के फाइनल के लिए पिच का चयन हो चुका है. लेकिन इसके पीछे की कहानी किसी थ्रिलर से कम नहीं. भारत और न्यूजीलैंड के बीच 9 मार्च को दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में महामुकाबला खेला जाएगा, और इस ऐतिहासिक मुकाबले के लिए वही पिच चुनी गई है, जिस पर भारत और पाकिस्तान के बीच ग्रुप स्टेज का मुकाबला खेला गया था. अब सवाल उठता है क्या यह ‘पुरानी पिच’ किसी टीम के लिए गेमचेंजर साबित होगी. क्या स्पिनर्स इस मैच में बड़ी भूमिका निभाएंगे. या फिर यह फैसला फाइनल को लो-स्कोरिंग थ्रिलर बना देगा.
यह भी पढ़ें- हमारे साथ नाइंसाफी हुई… सेमीफाइनल में हार के बाद मिलर का फूटा गुस्सा, भारत को स्पेशल ट्रीटमेंट देने का लगाया आरोप
यह भी पढ़ें- IND vs NZ Final Pitch Report: दुबई की पिच पर कौन मारेगा बाजी? भारत का विजय रथ या न्यूजीलैंड का पलटवार!
पिच का पाकिस्तान कनेक्शन
क्या फाइनल में बदलेगा खेलदुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम की वही पिच चुनी गई है, जिस पर 23 फरवरी को भारत-पाकिस्तान का हाई-वोल्टेज मुकाबला खेला गया था. अमीरात क्रिकेट बोर्ड की नीति के अनुसार हर पिच को दो हफ्ते का आराम दिया जाता है, लेकिन टूर्नामेंट के व्यस्त शेड्यूल के चलते नई पिच तैयार नहीं हो पाई. अब फाइनल के लिए ‘पहले इस्तेमाल की गई पिच’ को ही दोबारा मैदान में उतारा जा रहा है.
क्या यह भारत के लिए फायदे का सौदा होगा?
अगर पिच धीमी रहती है, तो कुलदीप यादव और रविंद्र जडेजा जैसे स्पिनर्स न्यूजीलैंड के लिए बड़ा खतरा बन सकते हैं. कम उछाल वाली विकेट न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाजों को मुश्किल में डाल सकती है, जिससे भारत के बल्लेबाजों को फायदा होगा. हालांकि, अगर पिच टूटने लगी तो बल्लेबाजी चुनौतीपूर्ण हो सकती है और लो-स्कोरिंग मैच देखने को मिल सकता है.
पढ़ें प्रभात खबर की प्रीमियम स्टोरी:
Girl Marriage With Dog Video: कुत्ते संग 11 महीने की बच्ची की शादी, हो जनजाति की अनोखी परंपरा
पिच रिपोर्ट में क्या कहती हैं स्टैटिस्टिक्स
इस टूर्नामेंट में यह पिच धीमी रही है, और बल्लेबाजों के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है. पूरे टूर्नामेंट में सिर्फ भारतीय टीम ने दुबई में 250+ रन चेज किए हैं, जिससे साफ है कि पिच पर रन बनाना आसान नहीं है. न्यूजीलैंड ने इस मैदान पर तीन मैच खेले हैं, जिनमें दो में उन्हें हार मिली, जबकि भारत यहां अब तक अपराजित रहा है. दुबई में इस समय गर्म मौसम और सूखी पिच स्पिनरों के लिए मददगार साबित हो सकती है. अब सबकी निगाहें 9 मार्च पर टिकी हैं. रोहित शर्मा की टीम 2000 के फाइनल की हार का बदला ले पाएगी, या फिर न्यूजीलैंड एक और झटका देकर खिताब पर कब्जा जमाएगा.
इनपुट- आशीष राज
यह भी पढ़ें- फाइनल में आते ही ‘बाली’ बन जाता है न्यूजीलैंड, विपक्षी टीम की खींच लेता है आधी ताकत