19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Girl Marriage With Dog Video: कुत्ते संग 11 महीने की बच्ची की शादी, हो जनजाति की अनोखी परंपरा

Girl Marriage With Dog: झारखंड के पश्चिम सिंहभूम के चाइबासा का चिमीसाई गांव. हो जनजातियों का मागे परब (त्योहार) चल रहा है. ढोल-नगाड़े और मांदर बज रहे हैं. पहले तो ये आम त्योहार जैसा लगा. लेकिन उस वक्त आंखों पर भरोसा नहीं हुआ जब दूल्हे राजा की बारात निकली. दूल्हे राजा धोती पहने हुए अम्मा की गोद में बैठे थे और कांय, कांय कर रहे हैं.

Girl Marriage With Dog: गांव की शांति सिदू कहती हैं– हां यही दूल्हा है. और दुल्हन एक 11 महीने की बच्ची है. वो किसी की गोद में होगी. ध्यान से देखिए, दिखेगी. अब तो मेरी आंखें और बड़ी हो गईं. असल में 11 महीने की बच्ची का दूल्हा कोई मासूम बच्चा नहीं. एक कुत्ता था. ये क्या हो रहा है?

मैं चौका! भला ऐसा कैसे हो सकता है? दुधमुंही बच्ची, जिसे होश भी नहीं है, उसने ठीक से अभी चलना भी नहीं सीखा है और उसकी शादी कराई जा रही है, और वो भी कुत्ते से. मैं हैरान था,

सिदू कहती हैं– चौंकिए मत. नॉर्मल सी शादी है.

लेकिन शादी नॉर्मल नहीं बल्कि एक शादी में आप जो कुछ सोच सकते हैं, वो सबकुछ है, बैंड, बाजा और बाराती. दूल्हे राजा की बारात में ढोल–नगाड़े और मांदर की थाप पर गांव के युवा जमकर नाच रहे थे. महिलाएं भी जश्न मना रही थीं.

Baby-Girl-Married-With-Dog-Chibasa
Baby-girl-married-with-dog-chibasa

दूल्हा बने कुत्ते राजा को पहनाई गई धोती, लाल पाड़ वाली साड़ी में तैयार थी 11 महीने की दुल्हन

कुत्ते को दूल्हे की तरह तैयार किया गया है. उसे धोती पहनाई गई है और एक महिला उसे अपने गोद में उठाकर बारातियों के साथ चल रही है. दूल्हा बने कुत्ते को छतरी की छांव में पूरे सम्मान के साथ दुल्हन के घर लेकर जाया जा रहा है. छतरी को भी फूलों से सजाया गया है. छतरी के किनारे में बिस्कीट और चॉकलेट भी लटक रहे हैं. गोद में बैठे दूल्हे राजा को समझ में नहीं आ रहा था कि उसके साथ हो क्या रहा है. उसी समय नन्ही दुल्हन को पीले रंग की लाल पाड़ वाली साड़ी पहनाकर तैयार रखा गया था. 

Baby-Girl-Married-With-Dog-Jharkhand
Baby-girl-married-with-dog-jharkhand

विशेष पूजा के बाद बारात पहुंची दुल्हन के घर

दूल्हा बने कुत्ते की बारात, दुल्हन के घर जा रही थी, उसी समय पहान रास्ते में पूजन करते दिखाई दिये. वो कुछ मंत्र पढ़ रहे थे, उनके पास पूजन की सामग्री मौजूद थी. गांव के ही एक युवक जगन्नाथ ने बताया, विवाह अच्छे से संपन्न हो, कोई अशुभ न हो, इसके लिए पूजा किया जा रहा है. पूजा करने के बाद पूजारी ने एक चूजे की बली भी दी और तब बारात आगे बढ़ती है. 

Ho Tribe Jharkhand
Ho tribe jharkhand

दूल्हा–दुल्हन का दरवाजे पर खास स्वागत

बारात जब दुल्हन के घर पहुंचती है, तो दुल्हन और दूल्हे राजा का खास तरीके से स्वागत किया जाता है. दूल्हा बने कुत्ते और बच्ची का एक साथ द्वार पर पैर धोया जाता है. जिसमें महिलाएं आपस में थोड़ी हंसी–ठिठोली भी करती हैं. वहां हो विवाह गीत और न‍ृत्य भी किया जा रहा था.

कुत्ते से कराई गई मांग भराई की रस्म

कुत्ते की शादी में शामिल बारातियों को सम्मान के साथ आंगन में बैठाया गया और फिर शादी की प्रक्रिया शुरू की जाती है. आंगन में बिछी चटाई पर दो पत्तल पर दूल्हे और दुल्हन को बैठाया गया. शादी की रस्में पूरी होने के बाद दूल्हा बने कुत्ते की आगे वाली टांग के नाखून में सिंदूर लगाई गई और उसे पकड़कर नन्ही बच्ची के माथे पर सटा दिया गया. इस तरह बच्ची और कुत्ते की शादी का विधान पूरा किया जाता है. विवाह के दौरान आंगन में दोनों पक्ष के लोग नाच–गा रहे थे. ढोल–नगाडे और मांदर बच रहे थे. 

11 महीने की बच्ची और कुत्ते की शादी के पीछे क्या है कारण

गांव की शांति सिदू ने 11 महीने की बच्ची और कुत्ते की शादी के पीछे की पूरी कहानी बताई, “जब किसी बच्चे का सेता दांत (ऊपरी जबड़े में निकला पहला दांत) निकलता है, तो उसे हो जनजातियों में अशुभ माना जाता है. उसके निवारण के लिए कुत्ते से बच्चे की शादी कराई जाती है. अगर बच्चा है तो कुतिया से और बच्ची है तो उसकी शादी कुत्ते से कराई जाती है. यह परंपरा हो जनजातियों में आज भी जिंदा है.”

शादी के बाद कुत्ते को खुले में छोड़ दिया गया

शादी के बाद कुत्ते को खुले में छोड़ दिया गया. शांति सिदू ने बताया, “कुत्ते को अगर कोई पालना चाहे तो पाल सकता है, नहीं तो वह खुले में घुमता रहेगा, लोग उसे परेशान नहीं करेंगे.” उसने बताया, “ ऐसी मान्यता है कि कुत्ते के साथ शादी कराने से बच्ची के सारे अपशगुन उसमें चला जाता है.”

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें