Cheteshwar Pujara Statement on Team India: भारत के भरोसेमंद बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara), जो हमेशा अपने शांत स्वभाव और संतुलित बयानो के लिए जाने जाते रहे हैं, कोलकाता में साउथ अफ्रीका से मिली करारी हार के बाद खुद को शांत नही रख पाए. लंबे समय तक भारतीय टेस्ट टीम का महत्वपूर्ण चेहरा रहने वाले पुजारा ने माना कि भारत की यह लगातार गिरती घरेलू प्रदर्शन की कडी अब परेशान करने लगी है. टीम इंडिया ने रविवार को ईडन गार्डन्स में सीरीज के पहले टेस्ट में 30 रन से हार झेली, जिससे यह साफ हुआ कि टीम अपनी पुरानी धार खोती जा रही है.
टेस्ट में घरलू मैदान पर भारत का रिकॉर्ड
पिछले दशक में टीम इंडिया ने घरेलू मैदान पर लगभग अजेय रहने का रुतबा हासिल किया था. साल 2012 से 2024 तक भारत ने घर में 53 में से 42 मैच जीते, केवल तीन हारे और आठ ड्रॉ रहे. लेकिन यह सुनहरा सिलसिला पिछले साल नवम्बर में तब टूटा जब न्युजीलैंड ने भारत को 3-0 से हराकर सबको हैरान कर दिया. एक साल बाद फिर से भारत ने छह में से चार घरेलू टेस्ट मैच गंवा दिये हैं, और यह सभी हार कोच गौतम गंभीर के कार्यकाल में ही आई हैं. ऐसी स्थिति में साउथ अफ्रीका अब भारत में दूसरी बार सीरीज जीतने के कगार पर है.
पुजारा बोले- ट्रांजिशन कोई बहाना नही
भारत के तीन अनुभवी स्तंभ विराट कोहली, रोहित शर्मा और रविचंद्रन अश्विन पिछले 11 महीनो में टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह चुके हैं. कई विशेषज्ञ इसे भारतीय टीम की कमजोरी और बदली हुई टीम संरचना का असर बता रहे हैं. लेकिन पुजारा इस बात से बिल्कुल सहमत नही हैं. पुजारा ने स्टार स्पोर्ट्स से कहा यह कहना की बदलाव की वजह से भारत घर में हारा, यह माना नही जा सकता. बाहर हारना समझ में आता है, पर भारत में ऐसी हार से यह लगता है की टीम में कुछ गडबड है.
घर में हार से गहरी चिंता बढ़ी
पुजारा ने माना कि इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे कठिन दौरों में युवाओ की अनभिज्ञता असर डाल सकती है. लेकिन भारत में बने हुए हालात देखकर वे हैरान हैं. उन्होंने बताया कि यशस्वी जैसवाल, के एल राहुल, वाशिंगटन सुंदर और शुभमन गिल जैसे खिलाडी घरेलू क्रिकेट में बेहद सफल रहे हैं. ऐसे भरोसेमंद खिलाडियो के रहते भारत का घर में हार जाना यह दिखाता है कि टीम में किसी गहरी समस्या को समझना होगा. भारत की पहचान हमेशा से घरेलू मैदान पर मजबूत प्रदर्शन की रही है, इसलिए ऐसी लगातार हार लोगो और विशेषज्ञो को परेशान कर रही है.
पिच पर भी उठाए सवाल
ईडन गार्डन्स की पिच इस मैच में बडी बहस का कारण बनी रही. भारत ने स्पिन के अनुकूल पिच बनाने की कोशिश की थी, लेकिन वही टीम के लिए उलटी पड गयी. पुजारा ने कहा अगर मैच अच्छी पिच पर होता तो भारत की जीत की संभावना और मजबूत रहती. टेस्ट मैच उन विकेटो पर होने चाहिए जहां मैच का स्तर ऊंचा रहे और टीम को जीतने का बेहतर मौका मिले. ऐसी पिचे भारत की जीत का प्रतिशत कम कर देती हैं.
पुजारा के मुताबिक भारत ने ऐसा विकेट बनवाकर खुद ही अपना नुकसान कर लिया, क्योंकि साउथ अफ्रीका के स्पिनर भी उसी पिच पर उतने ही असरदार साबित हुए.
गंभीर के कार्यकाल पर उठ रहे सवाल
गौतम गंभीर के कोच बनने के बाद उम्मीद थी कि टीम में नई ऊर्जा और आक्रामकता आएगी. लेकिन पिछले छह घरेलू टेस्ट मैचो में चार हार मिलने से आलोचना तेज हो गई है. विशेषज्ञों का मानना है कि चयन, रणनीति और पिच संबंधी फैसलों को फिर से समझने की जरूरत है. भारत जैसा बडा क्रिकेट देश अगर घर में बार-बार हार रहा है तो यह केवल खिलाडियो की गलती नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम के लिए चेतावनी है.
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