Irfan Pathan Statement on Team India: कोलकाता के ऐतिहासिक ईडन गार्डन्स में खेले गए भारत बनाम साउथ अफ्रीका (IND vs SA) पहले टेस्ट मैच में भारत को 30 रन से हार का सामना करना पडा. इस हार के बाद पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज इरफान पठान (Irfan Pathan) ने पिच की गुणवत्ता और भारतीय बल्लेबाजों की गिरती शैली पर गहरी चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा है कि हमारी स्किल डाउनग्रेड हो गई है और अब ऐसी पिचों की जरूरत है जो सिर्फ गेंदबाजों को मदद न दें बल्कि बल्लेबाजों की तकनीक और धैर्य की परीक्षा भी लें.
IND vs SA कोलकाता टेस्ट की पिच पर विवाद
इरफान पठान का तर्क है कि भारत को रैंक टर्नर (ज्यादा घुमाव वाली पिच) की बजाय पारंपरिक पिचों की ओर लौटना चाहिए. उन्होंने कहा कि वर्तमान पिचें बेहद झुकाव देती हैं और विदेशी स्पिनरों को आसान जमीन मिल जाती है, जिससे विपक्षी टीमों को बहुत सी मदद मिलती है. पठान ने यह भी जोडा कि अधिक संतुलित पिचों (जिनमें शुरुआती दिनों में गेंदबाजी होती है और बाद में घुमाव आता है) बेहतर होंगी ताकि टेस्ट क्रिकेट की कला बरकरार रहे.
बल्लेबाजों की घटती क्षमता
इरफान ने स्पष्ट रूप से कहा है कि भारतीय बल्लेबाजों की क्षमता घट गई है. उनका मानना है कि टेस्ट क्रिकेट में बल्लेबाजी स्किल पहले जैसी नहीं रही क्योंकि अब खिलाडियों पर सफेद गेंद की शैली (ड्राइव, धाकड शॉट) का दबाव ज्यादा है और उनके हाथ कठोर हो गए हैं. पठान ने यह चेतावनी दी कि अगर बल्लेबाजों की मानसिकता बहुत रक्षात्मक हो जाए, तो ऐसी झुकी हुई पिचों पर उनका पतन तय है.
विदेशी स्पिनरों का बढता प्रभुत्व
पठान ने यह कहा है कि झुकाव वाली पिचों पर विदेशी गेंदबाज विशेषकर स्पिनर बहुत ही सक्षम हो जाते हैं. उदाहरण के लिए, उन्होंने साइमन हारमर और केशव महाराज को उद्धृत किया जो इस मैच में प्रभावी साबित हुए. उनका कहना है कि ऐसी पिचों ने “औसत दर्जे के” गेंदबाजों को भी बढिया प्रदर्शन करने का मौका दिया है, क्योंकि ट्रैक उस प्रकार की खरीद (purchase) देता है जो स्पिनरों के लिए बहुत अनुकूल होती है.
ऐतिहासिक संदर्भ और रणनीति की कमी
पठान ने पुराने समय की पिचों और हाल की पिचों की तुलना करते हुए कहा कि पहले भारत में टेस्ट मैचों में ऐसी सतहें होती थीं, जिन पर बल्लेबाज और गेंदबाज दोनों अपनी कला दिखा पाते थे. उन्होंने न्यूजीलैंड के उदाहरण का भी जिक्र किया, जहां स्पिन-पिचों ने भारतीय बल्लेबाजों को परेशानी में डाल दिया था. उनका सुझाव है कि टीम मैनेजमेंट को पिच की तैयारी में अधिक सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए न सिर्फ टीम की जरूरतों के हिसाब से, बल्कि टेस्ट क्रिकेट की “पवित्रता” की रक्षा करते हुए.
इरफान पठान के सुझाव
इरफान ने कुछ साफ-साफ सुझाव दिए हैं ताकि भविष्य में ऐसी समस्याएं कम हो सकें पिच मेकिंग में संतुलन लाना यानी ऐसे ट्रैक्स (पिच) तैयार करना जो शुरुआती दिनों में सीम/स्विंग देते हों और बाद में स्पिन को बढावा दें.
बल्लेबाजों को भय या अधिक संरक्षण के बजाय आत्मविश्वास के साथ खेलना चाहिए; आक्रामक होकर नहीं, बल्कि समझ के साथ. प्रशिक्षण और मानसिक रूप से तैयार करना बल्लेबाजों को स्पिन-विशिष्ट प्रैक्टिस दी जानी चाहिए. पठान के अनुसार भारतीय बल्लेबाजों का स्पिन खेलने का समय वापस लाने की जरूरत है. आगे उन्होंंने कहा कि कप्तान, कोच और क्यूरेटर को मिलकर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पिच न सिर्फ घरेलू जीत के लिए बनाई जाए, बल्कि टेस्ट क्रिकेट के लंबे स्वरूप के लिए भी प्रासंगिक बनी रहे.
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