कोलकाता : बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने शुक्रवार को महेंद्र सिंह धौनी को बीसीसीआई के वार्षिक केंद्रीय अनुबंध से बाहर किये जाने पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
धोनी को पिछले छह महीने में किसी तरह की क्रिकेट नहीं खेलने के कारण बाहर किया गया, लेकिन इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि वह अब भी आॅस्ट्रेलिया में होने वाले टी20 विश्व कप के लिए भारतीय टीम में चयन के दावेदार बन सकते हैं. गांगुली से जब धौनी को बीसीसीआई अनुबंध से बाहर किये जाने से संबंधित सवाल किया गया तो उन्होंने तपाक से जवाब दिया, मैं इस पर टिप्पणी नहीं कर सकता.
इस संबंध में बीसीसीआई के एक शीर्ष अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि केंद्रीय अनुबंध सूची से महेंद्र सिंह धौनी को बाहर करना तय था और उन्हें राष्ट्रीय चयन समिति ने सूची को अंतिम रूप देने से पहले इसकी जानकारी दे दी थी. उन्हें साफ तौर पर बताया गया था कि चूंकि उन्होंने सितंबर 2019 से अब तक कोई मैच नहीं खेला है, तो उन्हें सूची में नहीं रखा जा सकता. यह प़ूछने पर कि बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली, सचिव जय शाह और सीईओ राहुल जोहरी में से किसने धौनी से बात की, अधिकारी ने बताने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, किसने बात की, इसमें पड़ने की जरूरत नहीं है. बात यह है कि उनके कद के खिलाड़ी को बताया जाना जरूरी है कि फिलहाल वह केंद्रीय अनुबंध से बाहर हैं और यह उचित तरीके से किया गया.
अधिकारी ने कहा कि धौनी ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी20 विश्व कप की टीम में जगह बनाते हैं तो उन्हें ‘प्रो राटा’ आधार पर अनुबंध दिया जा सकता है. मौजूदा नियम के तहत उसी खिलाड़ी को केंद्रीय अनुबंध दिया जा सकता है जिसने कम से कम तीन टेस्ट या आठ वनडे खेले हों. वह इतने टी20 मैच खेलते हैं तो भी सूची में शामिल हो सकते हैं. यह पूछने पर कि क्या इसके बाद अब धौनी वनडे क्रिकेट से संन्यास ले सकते हैं , उन्होंने कहा, इस बारे में तो महेंद्र सिंह धौनी खुद ही बता सकते हैं.