सदगुरुश्री दयाल
(डॉ स्वामी आनंद जी)
New Year 2026 Astrology: कुछ वर्ष इतिहास में तिथियों और घटनाओं से नहीं, बल्कि अनुभूतियों से पहचाने जाते हैं. वर्ष 2026 भी ऐसा ही प्रतीत होता है. यह ऐसा कालखंड होगा जो मनुष्य को सामाजिक मूल्यों, करियर, आर्थिक रीढ़ और भरोसे की बुनियाद पर परखेगा. यह संकट किसी महामारी की तरह दिखाई नहीं देगा, पर भीतर तक असर करेगा—देह पर नहीं, बल्कि व्यवस्था, जेब और विश्वास पर. यह साल बाहरी शोर से अधिक आंतरिक हलचल का होगा.
नवविचार बनाम जड़ता: परिवर्तन का निर्णायक काल
- आने वाला वर्ष केवल नई सोच नहीं, बल्कि गहरे परिवर्तन का संवाहक बनेगा. जो पुराने डर, जड़ मान्यताओं और अहंकार से चिपके रहेंगे, वे धीरे-धीरे हाशिये पर चले जाएंगे. वहीं जो लोग नए ज्ञान, विज्ञान, तकनीक और चेतना को अपनाने के लिए तैयार होंगे, उनके लिए अवसरों के द्वार खुलेंगे.
- ज्योतिष, विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में महत्वपूर्ण शोध और चौंकाने वाले रहस्य सामने आ सकते हैं. लेकिन रिश्तों और सामाजिक ढांचे में दरारें भी दिखेंगी, क्योंकि परिवर्तन हर किसी को सहज नहीं लगता.
विक्रम संवत् 2082: सूर्य राजा, चंद्र मंत्री
वैदिक ज्योतिष की सूक्ष्म दृष्टि से देखें तो विक्रम संवत् 2082 (चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से 18 मार्च 2026 तक) में सूर्य राजा और चंद्र मंत्री हैं. यह योग प्रारंभिक महीनों में नेतृत्व परिवर्तन, जल-संबंधी संकट, प्रशासनिक अस्थिरता और जनता में असंतोष के संकेत देता है.
वर्ष की शुरुआत में उथल-पुथल और प्राकृतिक कारणों से हानि की आशंका बनी रहेगी, विशेषकर जल और मौसम से जुड़ी घटनाएं चिंता बढ़ा सकती हैं.
संवत् 2083: बृहस्पति और मंगल का प्रभाव
- 19 मार्च 2026 से विक्रम संवत् 2083 का आरंभ होगा, जहां बृहस्पति राजा और मंगल मंत्री होंगे. यह संयोजन वैश्विक स्तर पर नए शक्ति-संतुलन, सुरक्षा नीतियों और आक्रामक निर्णयों का संकेत देता है.
- शनि वर्षभर मीन राशि में रहकर नई सामाजिक-आर्थिक संरचनाओं की नींव रखेंगे. राहु कुंभ और केतु सिंह में रहकर राजनीतिक, तकनीकी और सामाजिक स्तर पर अचानक घटनाएं और असंतुलन पैदा कर सकते हैं.
शनि का न्यायासन: कर्मफल का वर्ष
इस वर्ष शनि केवल कठोर नहीं, बल्कि पूर्णतः निष्पक्ष न्यायाधीश की भूमिका में होंगे. जिन व्यवस्थाओं ने उधार की समृद्धि, दिखावटी स्थिरता और सतही विकास पर भरोसा किया है, उनसे अब हिसाब लिया जाएगा. बैंकिंग, कॉरपोरेट, शासन और नीतिगत ढांचे—सबके लिए यह कर्मफल का समय होगा. टालमटोल, लापरवाही और नैतिक शिथिलता अब छिप नहीं पाएगी.
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धन रहेगा, पर स्थिर नहीं
ग्रहों की स्थिति बताती है कि धन का प्रवाह रहेगा, लेकिन स्थिरता का अभाव रहेगा. निवेश में उतावलापन, योजनाओं में असंतुलन और भविष्य को लेकर अनिश्चितता समाज में व्याप्त रहेगी. यह समय विवेक, धैर्य और दीर्घकालिक सोच की परीक्षा लेगा.
एआई का युग: मशीनें लेंगी मनुष्य की जगह
2026 में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का वास्तविक प्रभाव दिखाई देगा. काम करने के तरीके बदलेंगे, दफ्तरों की पारंपरिक दीवारें टूटेंगी. डिग्रियों से अधिक कौशल का मूल्य होगा.
प्रतिस्पर्धा अब मनुष्य से नहीं, मशीन से होगी. जो सीखने और खुद को अपडेट करने में असफल रहेगा, वह पीछे छूट जाएगा. कई पारंपरिक नौकरियां समाप्त होंगी, विशेषकर तकनीक और उससे जुड़े क्षेत्रों में.
चुनौतियां भी, संभावनाएं भी
- हालांकि यह वर्ष संकटों का संकेत देता है, लेकिन संभावनाएं भी कम नहीं हैं. भारत के लिए डिजिटल कंटेंट, तकनीक, नए इनोवेटर्स और बौद्धिक संतुलन के क्षेत्र में अवसर बन सकते हैं.
- प्राकृतिक आपदाओं से अधिक खतरा आर्थिक और संरचनात्मक असंतुलन से रहेगा. जनता पर दबाव बढ़ेगा, जबकि सत्ता और संसाधन कुछ हाथों में सिमटते दिख सकते हैं.

