Kundli Matching In Marriage: कई लोग शादी से पहले कुंडली मिलान करवाते हैं, जबकि कुछ लोग इसे ज़रूरी नहीं मानते. ज्योतिष के अनुसार कुंडली मिलान से दो लोगों के स्वभाव, सोच, आदतों और ग्रहों की स्थिति के बारे में पहले से अंदाजा लगाया जा सकता है. यह भविष्य में आने वाली चुनौतियों को समझने का एक तरीका माना गया है. हालांकि बिना कुंडली मिलाए शादी करना गलत नहीं है और बहुत से लोग ऐसा करके खुशहाल जीवन भी जीते हैं, लेकिन पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार कुछ संभावित समस्याएँ सामने आ सकती हैं. आइए ज्योतिषाचार्य डॉ एन के बेरा से समझते हैं बिना कुंडली मिलान करवाए शादी करने से क्या क्या नुकसान हो सकता है.
स्वभाव और सोच में मतभेद
कुंडली मिलाने का एक बड़ा कारण है—दो लोगों के स्वभाव का तालमेल. जब कुंडली नहीं मिलाई जाती, तो यह जानना मुश्किल हो जाता है कि दोनों की सोच, व्यवहार और आदतें कितनी मेल खाएंगी. अगर दोनों का स्वभाव बिल्कुल अलग निकला, तो छोटी-छोटी बातों में झगड़े और गलतफहमियाँ बढ़ सकती हैं. रोजमर्रा की लाइफ में इसी वजह से तनाव आ सकता है.
रिश्ते में तनाव और भावनात्मक दूरी
ज्योतिष में कुछ ग्रहों की स्थितियां पति-पत्नी के रिश्ते में गुस्सा, तनाव या दूरी बढ़ाने वाली मानी जाती हैं. अगर इन बातों की जानकारी पहले न हो और शादी के बाद समस्याएँ दिखने लगें, तो रिश्ते में खटास आ सकती है. हालाँकि अच्छी बातचीत, सहयोग और समझदारी से इन मुद्दों को काफी हद तक संभाला जा सकता है.
परिवार में मतभेद और टकराव
जब दो लोगों की जीवनशैली या आदतें बहुत अलग होती हैं, तो यह सिर्फ कपल ही नहीं, बल्कि दोनों परिवारों को भी प्रभावित करती है. बिना कुंडली मिलान के शादी करने पर कई बार परिवार बाद में महसूस करते हैं कि कई चीजें एक-दूसरे को पसंद नहीं आ रहीं, जिससे घर में तनाव पैदा हो सकता है.
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आर्थिक और करियर से जुड़े उतार-चढ़ाव
ज्योतिष में माना जाता है कि कुछ ग्रह शादी के बाद आर्थिक स्थिति या करियर में चुनौतियां ला सकते हैं. अगर पहले से ये बातें न देखी जाएं, तो अचानक आने वाली दिक्कतें कपल को परेशान कर सकती हैं और तनाव बढ़ सकता है.
स्वास्थ्य या मानसिक तनाव
कई बार कुंडली में ऐसे योग होते हैं जो स्वास्थ्य, मानसिक दबाव या जिम्मेदारियों को प्रभावित कर सकते हैं. इनका ध्यान न रखने पर शादी के बाद किसी एक पार्टनर को ज्यादा जिम्मेदारियां उठानी पड़ सकती हैं, जिससे तनाव बढ़ सकता है.
कुल मिलाकर, बिना कुंडली मिलाए शादी करना पूरी तरह से व्यक्तिगत निर्णय है और कई लोग ऐसा करके खुशहाल जीवन जीते हैं. लेकिन ज्योतिष के अनुसार कुंडली मिलान से दो लोगों की संगति और भविष्य की चुनौतियों की पहले से एक झलक मिल जाती है, जिससे निर्णय लेना आसान हो जाता है. अंत में, किसी भी शादी की मजबूती प्यार, विश्वास, समझ और सम्मान पर ही निर्भर करती है.

