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भगवान के नाम का जाप

इनसान की मृत्यु के समय ही मस्तिष्क शरीर से अलग होता है. इसलिए, उस समय जो भी छवि इनसान मन में रखता है, वह अगले जन्म का कारण बनता है. यह वैज्ञानिक सत्य है. आप यह स्वयं देख सकते हैं. यदि आप ध्यान दें, सुबह उठने पर जो आपके मन का पहला विचार होता है, […]

इनसान की मृत्यु के समय ही मस्तिष्क शरीर से अलग होता है. इसलिए, उस समय जो भी छवि इनसान मन में रखता है, वह अगले जन्म का कारण बनता है. यह वैज्ञानिक सत्य है. आप यह स्वयं देख सकते हैं. यदि आप ध्यान दें, सुबह उठने पर जो आपके मन का पहला विचार होता है, वह वही विचार होता है जो रात में सोने से पहले आपके मन में था.

अब आपका मन किसी-न-किसी प्रकार के विचारों से इतना घिरा रहता है कि मृत्यु के समय आपको भगवान का जाप करना याद भी ना आये. इसीलिए पूर्वजों ने कहा है कि भगवान को याद करते रहो. हर रात सोने से पहले उन्हें याद करो; जब आप स्नान करो, भोजन करो तब भी, उन्हें याद करो और धन्यवाद करो. कुछ नया कार्य शुरू करने से पहले, उन्हें स्मरण करें एक शुभ आरंभ के लिए. प्राचीन लोग बहुत ज्ञानी थे और उन्होंने इसे एक प्रथा बना दिया था. इसलिए, जब कोई एक नयी दुकान खोलता है, पहला काम जो उन्हें करना चाहिए वह है नाम स्मरण, भगवान का नाम स्मरण करना और फिर वह अपनी दुकान शुरू करते हैं. यदि कोई कुछ नया खरीदता है, तो उन्हें नारायण का नाम लेना चाहिए.

यदि आप कोई परीक्षा लिखने जा रहे हैं, आप ईश्वर को याद करते हैं और प्रार्थना करते हैं कि परीक्षा सरल हो और आप उत्तर सही प्रकार से लिख पायें. हर व्यक्ति प्रार्थना करता है, चाहे बच्चे हों, बड़े हो या वृद्ध, पर वे भय के कारण ऐसा करते हैं. मैं कहूंगा कि भय के कारण नहीं, बल्कि प्रेम भाव से प्रार्थना करिये. जब आप प्रेम और विश्वास के साथ प्रार्थना करते हैं, तब आप खिल उठते हैं. कोई नया कार्य करने से पहले भगवान का स्मरण करने में कठिनाई क्या है? आप ईश्वर का स्मरण किसी भी नाम के जाप से कर सकते हैं.

आप नारायण कह सकते हैं, जय गुरुदेव या ओम नम: शिवाय भी. जो भी नाम आपको अच्छा लगता है, वही कहिए. भगवान का नाम याद करने में क्या कठिनाई है? इसमें कोई कठिनाई नहीं है. जब आप अपनी कार में बैठते हैं, तो पहले बोलिए, ‘ओम नमो नारायण’ और फिर बैठिए, जब कार से निकलें, तो नाम स्मरण करिये और फिर उतरिए. इस तरह, नाम स्मरण आपकी आदत बन जायेगी.

– श्री श्री रविशंकर

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