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Pakistan Army : पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने एक कार्यक्रम में आतंकी हाफिज सईद की भाषा में भारत को धमकी देने की कोशिश की है. अहमद शरीफ चौधरी ने कहा कि अगर आप हमारा पानी रोकेंगे, तो हम आपकी सांस रोक देंगे. अहमद शरीफ के बयान का यह वीडियो तब सामने आया है, जब भारत की ओर से यह लगातार कहा जा रहा है कि पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राजस्थान में यह कहा था कि जब सिंदूर बारुद बन जाता है, तो उसकी ताकत पूरा विश्व देखता है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान तिलमिलाया हुआ है और भारत ने रुख बिलकुल स्पष्ट कर दिया है. ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तानी सेना और उनके डिफेंस सिस्टम की पोल खुल गई है, सीजफायर के लिए अमेरिका के आगे गिड़गिड़ाने वाला पाकिस्तान एक बार फिर गीदड़ भभकी दे रहा है, आखिर क्यों वह भारत के सामने एक बार फिर हिमाकत कर रहा है?
पाकिस्तान क्यों कर रहा है भारत के सामने हिमाकत
ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने ना सिर्फ पीओके बल्कि पाकिस्तानी संप्रुभता वाले क्षेत्र में भी हवाई हमले किए और आतंकियों के ठिकानों को ध्वस्त किया. पाकिस्तान की हिमाकत के बाद तो ड्रोन और मिसाइल से रावलपिंडी और शहरों पर भी हमला किया गया. पाकिस्तान की पूरी डिफेंस सिस्टम ध्वस्त हो गई थी. भारत ने डिफेंस सिस्टम को हाईजैक करके उसपर लगातार हमला किया. भारत का यह हमला सिर्फ और सिर्फ आतंकवाद के खिलाफ था, पाकिस्तान ने अपनी गलती मानने की बजाय भारत पर जवाबी हमला किया, जिसमें से एक भी हमला सफल नहीं हुआ क्योंकि भारत के एस-400 डिफेंस सिस्टम ने उनके मिसाइलों को हवा में ही बेकार कर दिया. ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान का असली चेहरा सामने आ गया है. आतंकवादियों के जनाजे में उनके सेना अधिकारी शामिल हुए और इसकी तस्वीरें भी दुनिया के सामने आ चुकी हैं. पाकिस्तान बेनकाब हो चुका है, बस इसी बात से पाकिस्तान तिलमिलाया हुआ है और यह कहता फिर रहा है कि उसने भारत को सीजफायर के लिए मजबूर कर दिया. झूठ को चिल्लाकर बोलने की रणनीति में शामिल है. साथ ही पाकिस्तानी सेना अपने जवानों का मनोबल बचाने के लिए गीदड़ फफकी दे रही है और भारत को धमकाने की कोशिश कर रही है. यह भी संभव प्रतीत होता है कि पाकिस्तान एक बार फिर न्यूक्लियर हमले की धमकी भारत को देना चाहता है, जबकि भारत कई बार स्पष्ट कर चुका है कि इस धमकी से भारत घबराने वाला नहीं है.
ऑपरेशन सिंदूर से पहले स्थगित हुआ सिंधु जल समझौता

22 अप्रैल को जब पहलगाम में आतंकियों ने 26 निर्दोषों की हत्या धर्म पूछकर की और उनके परिजनों से यह कहा कि जाओ जाकर मोदी को बताओ, तो पूरा देश एकजुट होकर खड़ा हो गया. धर्म के आधार पर देश को बांटने की आतंकियों की साजिश नाकाम हो गई. तब सरकार ने पाकिस्तान पर चौतरफा हमला किया. सबसे पहले सरकार ने सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया. इस संधि की वजह से ही पाकिस्तान को सिंधु जल प्रणाली की छह नदियों का जल मिलता है. यह सभी नदियां भारत और तिब्बत से होकर बहती हुई पाकिस्तान की ओर जाती है. पाकिस्तान की खेती का 80 प्रतिशत इन्हीं नदियों के पानी पर निर्भर है. भारत ने जैसे ही सिंधु का पानी रोका, पाकिस्तान की हालत खराब हो गई. हालांकि अभी की स्थिति में छह नदियों के पानी को पूरी तरह रोकना संभव नहीं है. लेकिन अब भारत ने तुलबुल प्रोजेक्ट पर भी काम करने का मन बना लिया है. इसका आशय यह है कि भारत अब सिंधु जल प्रणाली की नदियों पर अपने प्रोजेक्ट बनाएगा और इन नदियों के पानी का भारत भी इस्तेमाल करेगा, जिसे अभी महज 20 प्रतिशत ही भारत इस्तेमाल कर रहा है.
पाकिस्तान सेना के प्रवक्ता एक बार फिर भारत को दे रहे न्यूक्लियर हथियारों की धमकी
ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद भी पाकिस्तानी सेना और उसकी सरकार की जिस तरह किरकिरी हुई है, उसे देखते हुए पाकिस्तान को संयम बरतना चाहिए और यह कोशिश करनी चाहिए कि वह भारत के साथ बातचीत करे. भारत, पाकिस्तान से सिर्फ यही चाहता है कि वह आतंकवाद बंद करे. अगर पाकिस्तान इस दिशा में आगे बढ़ता है, तो उसके लिए बेहतर होता. लेकिन पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता अहमद शरीफ चौधरी ने जिस तरह का गैरजिम्मेदाराना बयान दिया है, उसपर बात करते हुए साउथ एशियन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर धनंजय त्रिपाठी ने कहा कि अहमद शरीफ का यह बयान बचकाना है. वह स्थिति को सामान्य करने की बजाय भड़का रहे हैं. भारत के लोगों की सांसें बंद करने की बात करके वे एक तरह से भारत को न्यूक्लियर हथियारों की धमकी दे रहे हैं. पाकिस्तानी सेना, भारतीय सेना के सामने कहीं से भी नहीं टिकती है और ऐसी हालात में पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता का यह बयान नासमझी भरा है. हाल के दिनों में भारत और पाकिस्तान के बीच जो कुछ हुआ उस दौरान पाकिस्तानी सेना ने अपने लोगों के सामने इस बात के लिए शेखी बघारने का काम किया कि उसने भारत का बहुत नुकसान किया है, लेकिन समय के साथ वहां की जनता यह समझ चुकी है कि सच क्या है. संभवत: अहमद शरीफ उसी बात पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हों, लेकिन जैसा कि भारत ने पहले भी कहा कि पाकिस्तान, एक गैरजिम्मेदार न्यूक्लियर शक्ति है, अहमद शरीफ का बयान उनके इसी बात को पुख्ता करता है. प्रोफेसर धनंजय त्रिपाठी कहते हैं कि पाकिस्तान को समझदारी दिखानी चाहिए और बातचीत का रास्ता साफ करना चाहिए. पाकिस्तानी सेना भारत का कुछ नहीं बिगाड़ सकती यह बात सबको पता है.
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