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JK Pahalgam Terror Attack : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को जिस तरह आतंकवादियों ने पर्यटकों पर हमला किया, वह घटना निंदनीय और मानवता पर कलंक तो है ही, यह उनलोगों के लिए भी खतरे की घंटी है, जिनका रोजगार यहां के टूरिज्म से चलता था. एक साथ लगभग 26 पर्यटकों को गोलियों से भूनकर आतंकी यह सोच रहे हैं कि यह उनकी फतह है, लेकिन दरअसल यह उनकी हार है और वे अपनी हार को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं और इस तरह के कायराना हरकत को अंजाम दे रहे हैं.
नाम पूछकर मारी गोली
दोपहर का वक्त था और मिनी स्विटजरलैंड के नाम से प्रसिद्ध बैसरन घाटी में टूरिस्ट मौसम का मजा ले रहे थे. वे वहां के कैंप में पर्यटक घुड़सवारी कर रहे थे. इस इलाके तक पैदल ही पहुंचा जा सकता है. सबकुछ अच्छा था. कई नवविवाहित जोड़े में इनमें शामिल थे, जिनमें से एक नेवी का अधिकारी भी था जिसकी 16 अप्रैल को शादी हुई थी. सबकुछ खुशनुमा था, तभी चार-पांच लोग पुलिस की वर्दी में वहां पहुंचे और पर्यटकों से पंजाबी में बात करने लगे, उनसे उनका नाम पूछा और फिर गोली मार दी. चीख-पुकार के बीच बूढ़े-बच्चे सभी डरे हुए थे और जान बचाने की जद्दोजहद थी. पीड़ितों के बयान डराने वाले हैं. एक महिला ने तो पति की मौत पर खुद को भी मारने को कहा-तो आतंकियों ने कहा, तुम्हें नहीं मारेंगे, सरकार को बताओ जाकर तुम.
अमरनाथ यात्रा को डिस्टर्ब करना चाहते हैं आतंकवादी
पहलगाम में जो आतंकी हमला हुआ है, उसकी जिम्मेदारी द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है. जब से जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाया गया है, यह आतंकी संगठन सक्रिय है. आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेते हुए भी यह दावा किया गया है कि जिन बाहरियों को कश्मीर में बसाया गया है, उसके खिलाफ यह हमला है. दरअसल टीआरएफ जम्मू-कश्मीर के लगातार सुधरते हालात से परेशान है, क्योंकि उसका आका पाकिस्तान यह नहीं चाहता कि कश्मीर और कश्मीरी खुशहाल हो. आर्टिकल 370 के हटने के बाद से जम्मू-कश्मीर में स्थिति लगातार सुधर रही है, चुनाव अच्छे से संपन्न हो रहे हैं, कोई बहिष्कार नहीं हो रहा, यह बात पाकिस्तान को खटक रही है. बस इसी स्थिति को खराब करने के लिए उसने अपने पिछलग्गुओं से टूरिस्टों पर हमला करवाया है, ताकि टूरिस्ट यहां आने से डरें और कश्मीरियों की आजीविका पर बुरा प्रभाव पड़े. अमेरिका के उपराट्रपति जेडी वेंस भी भारत दौरे पर उन्हें भी आतंकी अपनी ताकत दिखाकर कश्मीर के मसले को एक बार फिर वैश्विक स्तर पर उठाना चाहते हैं. वहीं संभवत: आतंकी अमरनाथ यात्रा को भी डिस्टर्ब करना चाहते हैं, जो कुछ महीनों बाद शुरू होने वाली है और पहलगाम अमरनाथ यात्रा का बेसकैंप है.
क्या कर रही सरकार?
पहलगाम अटैक के बाद गृहमंत्री अमित शाह श्रीनगर पहुंच चुके हैं और चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाबल तैनात हैं. इस भयंकर घटना का आतंकियों को हिसाब देना होगा, यह सरकार के मूड से साफ नजर आ रहा है. प्रधानमंत्री विदेश दौरे पर हैं, लेकिन उन्होंने जिस तरह का सोशल मीडिया पोस्ट लिखा है और गृहमंत्री से बात की है, वह उनकी तत्परता को दर्शाता है. उच्च स्तरीय बैठक चल रही है और भारतीय सेना के चिनार कॉर्प्स ने छापेमारी शुरू कर दी है, ताकि आतंकियों को सजा मिले. देश में आतंकवादियों के खिलाफ गुस्सा है और यह गुस्सा तभी शांत होगा, जब आतंकियों को सजा मिलेगी.कश्मीरियों में भी घटना से निराशा है, क्योंकि यह हमला टूरिस्टों पर हुआ है, जो उनका रोजगार चलाते हैं, अगर टूरिस्ट नहीं होंगे, तो इन्हें रोजी-रोटी का संकट हो जाएगा. विपक्ष भी सरकार के साथ खड़ा नजर आ रहा है.
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