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Humanoid Robot: इंसानों जैसे रोबोट में क्या है खास, भारत की शालू बोल सकती है 47 भाषाएं

Humanoid Robot: दुनिया भर में मानव जैसे ह्यूमनाइड रोबोट पर काम हो रहा है. क्योंकि इंसानों को इन रोबोट से उम्मीद भी कुछ ज्यादा हो गई है. रोजमर्रा के घरेलू कामों में भी इनका इस्तेमाल हो रहा है. विकसित देशों के मानव जैसे दिखने वाले रोबोट के विकास कार्यक्रमों की तरह ही भारत में भी ह्यूमनाइड रोबोट पर तेजी कार्य हो रहा है.

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भारत का पहला थ्रीडी प्रिंटेड ह्यूमनाइड रोबोट एसेट प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्थान ने विकसित किया है. इसे ‘मानव’ नाम दिया गया है. ये रोबोट इंसानों की तरह ही फुटबॉल खेल सकता है. पुशअप मार सकता है और हाथों के सहारे खड़ा हो सकता है. खासबात ये है कि ये बहुत भारी नहीं है. इसमें रिचार्जेबल लिथियम पॉलीमर बैटरी लगायी गई है. जो एक बार चार्ज होने पर एक घंटे रोबोट को सपोर्ट देती है. इस रोबोट को वाई-फाई और ब्लूटूथ से भी लैस किया गया है. ये तो सिर्फ एक उदाहरण है. भारत ह्यूमनाइड रोबोट बनाने में विकसित देशों के समकक्ष पहुंचने की कवायद में लगा है. इसके बनाए रोबोट किसी भी दशा में अन्य देशों से कम नहीं हैं. भारत में एक ह्यूमनाइड रोबोट ‘मित्रा’ भी विकसित किया गया है. बेंगलुरु के स्टार्टअप इंवेटो रोबोटिक्स ने इसे बनाया है. ये फाइबरग्लास से बना है और पांच फिट का है. ये इंसानों की तरह बातचीत, चेहरा, भाषण पहचानने में सक्षम है. इसे ग्लोबल एंटरप्रेन्योरशिप समिट 2020 में पेश किया गया था. इसके अलावा भारत में इंद्रो, राडा, केम्पा, रोबोकॉप रोबोट भी बनाए हैं. ये रोबोट अलग-अलग कार्यों के लिए विकसित किए गए हैं.

इसरो व डीआरडीओ ने भी बनाए ह्यूमनाइड रोबोट

इसरो ने व्योम मित्र नाम से महिला ह्यूमनाइड रोबोट बनाया है. ये गगनयान मिशन में काम करेगा. बिट्स पिलानी के छात्रों ने एसीयूट (AcYut) रोबोट बनाया है. इसके अलावा भारत की पहली महिला ह्यूमनाइड रोबोट शालू एजुकेशन के काम आती है. इसे 100 फीसदी वेस्ट मैटेरियल से बनाया गया है. ये 47 भाषाएं बोल सकती है. इसके अलावा सैंडी एंडरॉयड बेस्ड रोबोट है. इसे सेल्फ लर्निंग सुविधा के लिए तैयार किया गया है. डीआरडीओ ने ‘दक्ष’ एंटी टेरर रोबोट ने बनाया है. ये बम डिस्पोज में काम आता है. ये रोबोट अलग-अलग कार्यों के लिए विकसित किए गए हैं. हालांकि भारत ह्यूमनाइड रोबोट के विकास के मामले में विकसित देशों से काफी पीछे है. वर्ल्ड रोबोटिक रिपोर्ट के अनुसार भारत रोबोट के विकास के मामले में विश्व में सातवें नंबर पर है. जियो के मालिक मुकेश अंबानी की फंडिंग से एडवर्ब कंपनी एक ह्यूमनाइड रोबोट 2025 के अंत तक लाने की तैयारी में है. मुकेश अंबानी जैसे उद्योगपतियों की फंडिंग में सामने आने से भारत में रोबोट विकास के कार्यक्रमों में तेजी आ सकती है. भारत सरकार भी नए स्टार्ट अप को प्रोमोट कर रही है, इससे भी रोबोट विकास में तेजी आने की संभावना है.

क्या है ह्यूमनाइड रोबोट

ये रोबोट कैमरा, सेंसर, एआई और मशीन लर्निंग टेक्नोलॉजी से लैस होते हैं. इसे मानव जैसा दिखाने का प्रयास किया जा रहा है. दो पैरों पर चलते और बैलेंस रखते हैं. एआई और मशीन लर्निंग तकनीक के कारण ये समय के साथ बेहतर होते जाते हैं. कम्प्यूटर विजन के कारण ये आसपास की चीजों का अनुभव करते हैं. एडवांस इमेज प्रॉसेसिंग एल्गोरिद्म से ये वस्तुओं और लोगों को पहचानते हैं. स्पीच रिकॉग्निशन एंड नेचुरल लैंगुएज प्रॉसेसिंग तकनीक से ये इंसान की भाषा समझते हैं और जवाब देते हैं. हैप्टिक फीडबैक तकनीक से वस्तुओं को पहचानने में सटीकता मिलती है. ह्यूमनाइड रोबोट मैनुफैक्चरिंग, हेल्थ, कृषि, रक्षा, लॉजिस्टिक, घरेलू काम, अंतरिक्ष, एजुकेशन, कस्टमर सर्विस, दुर्गम क्षेत्रों में कार्य, रिसर्च में इनका इस्तेमाल किया जा सकता है.

चीन का डेट पर जाने वाला रोबोट

इन दिनों चीन में बना एक ह्यूमनाइड रोबोट भी काफी चर्चा में है. ये रोबोट डेट पर जाता है और घर के कार्य भी करता है. जी1 नाम के इस रोबोट को यूट्यूब इंफ्लुएंसर ने किराए पर लिया तो इसकी खूबियां लोगों को पता चलीं. खाना बनाने, सफाई करने जैसे कार्य भी ये रोबोट करता है. यही नहीं काम खत्म करने बाद ये गले लगाकार आभार भी प्रकट करता है. जी1 चीन के सबसे उन्नत ह्यूनाइड रोबोट में से एक है. चीन ने 8वें विश्व रोबोट सम्मेलन में महिला जैसे ह्यूमनाइड रोबोट पेश किया था. चीन ने इंसानों की तरह चलने वाले रोबोट का विकास किया है. ये किसी भी तरह की जमीन पर चल सकता है और सीढ़ियों पर चढ़ भी सकता है.

मांसपेशियों वाला रोबोट

ह्यूनाइड रोबोट के मामले में विकसित देश भारत से काफी आगे हैं. क्लोन रोबोटिक्स ने एक ऐसा रोबोट विकसित किया है, मानव शरीर की तरह ही दिखता है. उसमें मांसपेशियां और त्वचा भी बनायी गई है. इसे नाम दिया गया है प्रोटोक्लोन. इन दिनों ये सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में भी है. क्लोन रोबोटिक्स कंपनी ने एक्स पर एक वीडियो जारी किया है, जिसमें ये रोबोट हवा में लटका और अपने हाथ-पैर इंसानों की तरह ही हिला रहा है. रोबोट की इस प्रक्रिया को लेकर काफी चर्चा हो रही है. एलन मस्क ने ऐसा रोबोट विकसित किया है जो बाल भी काटता है. मस्क ने स्वयं इस रोबोट से बाल कटवाते हुए वीडियो जारी किया था.

जापान में सेलिब्रिटी है ‘असीमो’ रोबोट

जापान रोबोट विकास में पीछे नहीं है. जापान को दुनिया की रोबोट कैपिटल का दर्जा प्राप्त है. वहां एक ऐसा रोबोट है जिसे सेलेब्रिटी जैसा दर्जा है. इस रोबोट का नाम है ‘असीमो’. जापान ने इसे 22 साल पहले बनाया था. ये रोबोट बराक ओबामा के साथ फुटबाल खेल चुका है. अन्य देशों के मुकाबले जापान रोबोट के विकास और उनसे कार्य लेने में काफी आगे हैं.

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