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Donald Trump: दो सौ साल पुराने एलियन एनिमीज एक्ट 1798 से चर्चा में डोनाल्ड ट्रंप

Donald Trump: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 200 साल से भी अधिक पुराने एलियन एनिमीज एक्ट 1798 का इस्तेमाल वेनजुएला के गिरोह पर किया है. उन्हें निर्वासित करके अल साल्वाडोर की खतरनाक जेल भेजा गया है. उनका आरोप है कि वेनजुएला के लोग आतंकी गतिविधियों में लगे थे.

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Donald Trump: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वेनेज़ुएला के 200 से अधिक नागरिकों को अल साल्वाडोर की सुपरमैक्स जेल भेज दिया है. ये कार्रवाई ट्रंप ने एलियन एनिमीज एक्ट 1798 को आधार बनाकर की है. यह एक युद्धकालीन एक्ट था. अब इस कानून के आधार पर कार्रवाई करने पर विवाद खड़ा हो गया है.

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सत्ता संभालने के बाद अपने फैसलों को लेकर चर्चा में बने हुए हैं. इस बार उन्होंने कथित वेनेजुएला गैंग के लोगों को अल सल्वाडोर की जेल भेज दिया है. ये कार्रवाई तब की गई है, जब कि एक संघीय जज ने इन लोगों के निष्कासन के आदेश पर 14 दिन की रोक लगा दी थी. लेकिन अमेरिका ने युद्कालीन एलियन एनिमीज एक्ट 1798 के तहत इन सभी को अल साल्वाडोर के टेरोरिज्म कनफाइनमेंट सेंटर (CECOT) में रखा गया है. वेनजुएला के राष्ट्रपति ने इसे अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन बताया है.

क्या है एलियन एनिमीज एक्ट 1798

एलियन एनिमीज एक्ट 1798 के तहत अमेरिका के राष्ट्रपति को दुश्मन देश के नागरिकों को हिरासत में लेने या निर्वासित करने का अधिकार होता है. डोनाल्ड ट्रंप ने इसी कानून का इस्तेमाल करते हुए वेनजुएला के 200 से अधिक लोगों को जेल भेज दिया है. इससे पहले इस कानून का इस्तेमाल मात्र तीन बार ही हुआ था. इस कानून के इस्तेमाल से विश्व भर में डोनाल्ड ट्रंप चर्चा का विषय बने हुए हैं. कथित गैंग के सदस्यों को निकालने के आदेश के बाद अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन (ACLU) और डेमोक्रेसी फॉरवर्ड ने कोर्ट से सभी लोगों के निष्कासन पर रोक लगाने की मांग की थी. उनका कहना था कि एलियन एनिमीज एक्ट शांतिकाल में इस्तेमाल के लिए नहीं बनाया गया था. इस एक्ट का इस्तेमाल विश्व युद्ध में जर्मनी, ब्रिटेन, इटली और जापानी नागरिकों को हिरासत में लेने के लिए किया गया था. 1812 में अमेरिका और ब्रिटेन की लड़ाई के दौरान ब्रिटिश नागरिकों को हिरासत में लेने के लिए इसका इस्तेमाल किया गया. दूसरी बार पहले वर्ल्ड वार में जर्मनी के लोगों को पकड़ने और तीसरी दूसरे विश्व युद्ध में इसका इस्तेमाल किया गया था.

कैदियों का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल

कथित वेनजुएला गैंग के 200 से अधिक सदस्यों को प्लेन से ले जाने, फिर जेल में उनकी एंट्री, उन्हें गंजा करने और शेविंग करने के वीडियो भी वायरल हो रहे हैं. कैदियों के हाथ पीछे करके बंधे हुए हैं. अल साल्वाडोर के राष्ट्रपति नायब बुकेले ने भी एक्स एकाउंट से एक वीडियो वायरल किया है. जिसमें कैदी एयरपोर्ट पर दिख रहे हैं. वेनजुएला के गिरोह को अमेरिका ने आतंकवादी संगठन के रूप में नामित किया है. इनमें से कई अवैध रूप से अमेरिका में घुसे थे और अवैध कार्रवाई में लिप्त थे.

खतरनाक है अल साल्वाडोर की जेल

अल साल्वाडोर की जेल में आतंकवाद कारावास केंद्र (CECOT) को 2023 में खोला गया था. इसे सबसे खतरनाक अपराधियों को रखने की व्यवस्था की गई है. यहां के कैदी किसी से भी मिल नहीं सकते. कोर्ट में इनकी सुनवाई ऑनलाइन तरीके से ही होती है. ये भेजे जाने वाले कैदी कभी समाज में वापस नहीं लौट पाते. अमेरिका इन लोगों को अल साल्वाडोर जेल में रखने के लिए 60 लाख डॉलर भी देगा. अल साल्वाडोर के राष्ट्रपति नायब बुकेले हैं.

हत्याओं के लिए बदनाम है अल साल्वाडोर

अल साल्वाडोर दक्षिण अमेरिका में है. यहां इतनी अधिक हत्याएं होती हैं कि देश में इमरजेंसी लगानी पड़ गई थी. जनसंख्या के हिसाब से विश्व में सबसे ज्यादा हत्याएं अल साल्वाडोर में होने के कारण वहां इमरजेंसी लगाने की नौबत आ गई थी. 1992 तक ये देश गृह युद्ध की आग में झुलसा था. जब उसे गृह युद्ध से मुक्ति मिली तो वहां हत्याओं का ग्राफ बढ़ गया. 2022 में वहां की संसद ने हत्याओं से तंग आकर आपातकाल घोषित किया गया था.

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