10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

लड़कियों के लिए एक और पहल

बिहार सरकार ने एक बार फिर छात्राओं को मुफ्त में सेनेटरी नेपकिन बांटने की योजना चलाने के मामले में बाजी मार ली है. झारखंड में पिछले दो साल से छात्राओं के लिए इस तरह की योजना शुरू करने पर मंथन चल रहा है, पर मामला वित्त विभाग में फंसा हुआ है. बिहार सरकार का छात्राओं […]

बिहार सरकार ने एक बार फिर छात्राओं को मुफ्त में सेनेटरी नेपकिन बांटने की योजना चलाने के मामले में बाजी मार ली है. झारखंड में पिछले दो साल से छात्राओं के लिए इस तरह की योजना शुरू करने पर मंथन चल रहा है, पर मामला वित्त विभाग में फंसा हुआ है. बिहार सरकार का छात्राओं को मुफ्त में सेनेटरी नेपकिन देने का फैसला उस कड़ी का हिस्सा है, जिसमें पहले उन्हें पोशाक और फिर साइकिल मुहैया करायी गयी है. बिहार सरकार के मुताबिक नेपकिन योजना पर 30 करोड़ का खर्च आयेगा. कुछ चिर-अंसतोषी इस फैसले पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं. इसे एनजीओ छाप फैसला बतानेवालों की भी कमी नहीं है. लेकिन सच यह है कि महिला सशक्तीकरण की राह इस तरह के फैसलों से ही निकलेगी. अधिक पुरानी बात नहीं है, जब छात्रओं को मुफ्त में साइकिल देने की योजना शुरू हुई. इसका लाभ आज सभी ओर दिख रहा है. एक साइकिल ने लड़कियों का जीवन बदल दिया है.

गांवों में इस बदलाव को साफ महसूस किया जा रहा है. महिला सशक्तीकरण को लेकर काम करनेवाली संस्थाओं के मुताबिक, अब भी स्त्रियों की माहवारी को लेकर समाज में बहुत ही संकुचित और गलत तथ्यों पर आधारित सोच है. इसकी सबसे ज्यादा पीड़ा किशोर उम्र की लड़कियों को ङोलनी पड़ती है. आगे बढ़ने के उनके हौसले पर भी असर पड़ता है. इधर, लंबे समय से महिलाओं के स्वास्थ्य पर अध्ययन करनेवाली संस्थाएं यह बता रहीं है कि माहवारी के दौरान महिलाओं को किस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. आज भी माहवारी को लेकर गांव क्या, शहरों में भी अनेक प्रकार की भ्रांतियां हैं. इन भ्रांतियों के कारण इस पर न कोई बातचीत होती है और न ही इससे पैदा होने वाली समस्याओं का निदान होता है. झारखंड में भी महिलाओं के बीच काम करनेवाली संस्थाओं ने सरकार से छात्रओं के लिए मुफ्त सेनेटरी नेपकिन बांटने की योजना शुरू करने का आग्रह किया था. पूर्व स्वास्थ्य सचिव ने इस योजना पर अपनी सहमति भी दी थी. पर, यह मामला ठंडे बस्ते में चल गया. अब जब बिहार सरकार ने इस मामले में बढ़त ली है, तो यह उम्मीद झारखंड में जगी है कि यहां भी इस तरह की योजना शुरू होगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें