21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

लोकतंत्र में भीड़तंत्र को नहीं दी जा सकती इजाजत

हाल के दिनों में यह देखा गया है कि देश के विभिन्न हिस्सों से मॉब लिंचिंग की अलग-अलग घटनाएं सामने आयी हैं, जो समाज में सौहार्द के वातावरण में कटुता का विष घोल रहा है. अगर समाज के लोग थोड़ी-सी समझदारी और धैर्य दिखाएं, तो इस तरह की घटनाओं को रोका जा सकता है. भीड़ […]

हाल के दिनों में यह देखा गया है कि देश के विभिन्न हिस्सों से मॉब लिंचिंग की अलग-अलग घटनाएं सामने आयी हैं, जो समाज में सौहार्द के वातावरण में कटुता का विष घोल रहा है. अगर समाज के लोग थोड़ी-सी समझदारी और धैर्य दिखाएं, तो इस तरह की घटनाओं को रोका जा सकता है. भीड़ तंत्र अक्सर अफवाहों का हिस्सा होता है. भीड़ का न कोई चेहरा होता है और न कोई विवेक. परिणाम यह होता है कि महज चंद मिनटों में कई परिवार उजड़ जाते हैं.
हमारी सरकारें व प्रशासन भी इस दिशा में असहज ही नजर आती है. अब समय आ गया है कि इस तरह की हिंसा के खिलाफ कठोरता के साथ निबटा जाये. सुप्रीम कोर्ट ने भी मॉब लिंचिंग को एक अलग अपराध की श्रेणी में रखने की बात कही है और सरकार से कहा है कि इसकी रोकथाम के लिए एक नया कानून बनाएं. लोकतंत्र में भीड़तंत्र की इजाजत नहीं दी जा सकती.
सौरभ भारद्वाज, रोसड़ा (समस्तीपुर)

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें