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नाबालिग से रेप के दोषी आसाराम को उम्रकैद की सजा, जेल में काटनी होगी पूरी जिंदगी

जोधपुर :जोधपुर की एक अदालत ने कथावाचक आसाराम को नाबालिग से बलात्कार के मामले में बुधवार को दोषी करार दिया और उम्र कैद की सजा सुनायी. अन्य दो दोषियों (शिल्पी और शरद)को कोर्ट ने 20-20 साल की सजा दी. अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अदालत के विशेष न्यायाधीश मधुसूदन शर्मा ने जोधपुर सेंट्रल जेल परिसर में यह […]

जोधपुर :जोधपुर की एक अदालत ने कथावाचक आसाराम को नाबालिग से बलात्कार के मामले में बुधवार को दोषी करार दिया और उम्र कैद की सजा सुनायी. अन्य दो दोषियों (शिल्पी और शरद)को कोर्ट ने 20-20 साल की सजा दी. अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अदालत के विशेष न्यायाधीश मधुसूदन शर्मा ने जोधपुर सेंट्रल जेल परिसर में यह फैसला सुनाया. मामले में पांच में से तीन लोगों को कोर्ट ने दोषी करार दिया, इन दोषियों में आसाराम भी शामिल था जबकि दो आरोपियों प्रकाश और शिवा को मामले में कोर्ट ने बरी कर दिया.

तीनों दोषियों पर कोर्ट ने एक-एक लाख का जुर्माना भी लगाया गया है.

सजा सुनाए जानें के पहले आसाराम ने बेचैनी की शिकयत की जिसके बाद जेल में एम्बुलेंस बुलाया गया. हालांकि चेकअप के बाद एंबुलेंस और मेडिकल स्टाफ जेल से वापस चले गये. टीवी रिपोर्ट की मानें तो सजा सुनने के बाद आसाराम सिर पकड़कर नीचे बैठ गये और उनकी आंखों से आंसू निकलने लगा. उन्हें इस हालत में देखकर उनके भक्तों ने उन्हें संभाला.

आपको बता दें कि पीड़िता ने आसाराम पर उसे जोधपुर के नजदीक मनाई इलाके में आश्रम में बुलाने और 15 अगस्त 2013 की रात उसके साथ बलात्कार करने का आरोप लगाया था. आसाराम मामले में अंतिम सुनवाई एससी/एसटी मामलों की विशेष अदालत में सात अप्रैल को पूरी हो गयी थी और फैसला 25 अप्रैल तक के लिए सुरक्षित रखा गया था. इस फैसले के बाद पीडिता के पिता ने कहा कि आसाराम को कोर्ट ने दोषी करार दिया है. हमें न्याय मिला है. इस लड़ाई में जिसने हमारा साथ दिया उनको धन्यवाद…अब मुझे आशा है कि आसाराम को सख्‍त सजा मिलेगी. मुझे यह भी उम्मीद है कि मामले में जिनकी हत्या की गयी है या जिनका अपहरण किया गया है, उन्हें भी न्याय मिलेगा.

इधर, आसाराम के आश्रम की प्रवक्ता नीलम दुबे ने एक निजी चैनल से कहा कि हम कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे. आपको बता दें कि फैसला आने के पूर्व ही शहर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी है और निषेधाज्ञा लागू कर दी गयी है. राजस्थान उच्च न्यायालय के निर्देशों के मुताबिक निचली अदालत मामले के सिलसिले में जोधपुर सेन्ट्रल जेल परिसर में अपना फैसला सुनाया.

2013 से न्यायिक हिरासत में है आसाराम

आसाराम को इंदौर से गिरफ्तार कर एक सितंबर 2013 को जोधपुर लाया गया था और दो सितंबर 2013 से वह न्यायिक हिरासत में है. आसाराम और चार अन्य सह-आरोपियों शिव, शिल्पी, शरद और प्रकाश के खिलाफ पॉक्सो अधिनियम, किशोर न्याय अधिनियम और भादंवि की विभिन्न धाराओं के तहत छह नवंबर 2013 को पुलिस ने आरोपपत्र दायर किया था. आसाराम पर गुजरात के सूरत में भी बलात्कार का एक मामला चल रहा है जिसमें उच्चतम न्यायालय ने अभियोजन पक्ष को पांच सप्ताह के भीतर सुनवाई पूरी करने का निर्देश दिया था. आसाराम ने 12 बार जमानत याचिका दायर की, जिसे छह बार निचली अदालत ने, तीन बार राजस्थान उच्च न्यायालय और तीन बार उच्चतम न्यायालय ने खारिज किया.

कोर्ट के अंदर सुरक्षा के इंतजाम

जेल के अंदर सुनवाई के लिए विशेष व्यवस्था की गयी. कोर्ट के अंदर जज और आरोपियों के अलावा केस से जुड़े सिर्फ 14 वकील और कोर्ट के स्टाफ को जाने की इजाजत दी गयी. सुरक्षा के इंतजाम की बात करें तो जहां कोर्ट लगी, उससे काफी दूरी पर सभी वकीलों और कोर्ट स्टाफ के फोन भी जमा करवा लिये गये. इधर , जोधपुर कोर्ट के फैसले से पहले आसाराम के समर्थक देश के कई हिस्सों में प्रार्थना कर रहे हैं.

आप भी जानें पूरा मामला
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की एक किशोरी लड़की की शिकायत पर आसाराम को गिरफ्तार किया गया था. वह मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में आसाराम के आश्रम में पढ़ाई कर रही थी. पीड़िता ने आरोप लगाया था कि आसाराम ने जोधपुर के मनाई इलाके में स्थित अपने आश्रम में उसे बुलाया और 15 अगस्त 2013 की रात में उसके साथ बलात्कार किया. आसाराम को इंदौर में गिरफ्तार किया गया और एक सितंबर 2013 को जोधपुर लाया गया. वह दो सितंबर 2013 से न्यायिक हिरासत में हैं.

दिल्ली और राजस्थान में भी अलर्ट
आसाराम पर फैसला आने से पहले से ही दिल्ली समेत राजस्थान तक पुलिस पूरी तरह से अलर्ट पर है. कोई अव्यवस्था नहीं फैले इसको लेकर दोनों राज्यों की सरकारों ने पुख्ता इंतजाम किये हैं. दिल्ली पुलिस के अधिकारी यूपी और हरियाणा पुलिस से भी संपर्क बनाए हुए हैं. पुलिस लोकल इंटेलिजेंस के जरिए आसाराम के आश्रमों और उनके समर्थकों की गतिविधियों पर नजर रखने का दावा कर रही है.

मीडिया कवरेज पर रोक
आसाराम पर फैसला आने से पहले जोधपुर कोर्ट ने मीडिया कवरेज पर रोक लगा दी थी. जोधपुर कोर्ट ने आसाराम बापू बलात्कार मामले के फैसले के कवरेज के लिए जोधपुर की केंद्रीय जेल में मीडियाकर्मियों के प्रवेश की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया.

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