नयी दिल्ली : वर्ष 2012 के राष्ट्रपति चुनाव में मुलायम सिंह के पलटी मारने के बाद प्रणब मुखर्जी के पक्ष में मजबूर होनेवाली ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस इस बार गोपाल कृष्ण गांधी को विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाना चाहती हैं. तब वह विपक्ष के उम्मीदवार के रूप में राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को दूसरा कार्यकाल दिये जाने की पैरवी कर रही थीं. मुलायम सिंह यादव और पीए संगमा के साथ ममता ने इसके लिए कैंपेन शुरू कर दिया था, लेकिन मुलायम ने अप्रत्याशित रूप से कांग्रेस प्रत्याशी का समर्थन कर ममता को हक्का-बक्का कर दिया था.
राष्ट्रपति चुनाव 2017 : मोदी-शाह के धोबियापछाड़ से विपक्ष चित्त, एकजुट होने से पहले ही हारा
एक बार फिर वर्ष 2012 के राष्ट्रपति चुनाव जैसे ही हालात बन रहे हैं. तब भाजपा के नेतृत्व में विपक्ष डॉ कलाम के नाम पर सरकार को पटखनी देना चाहता था, आज भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गंठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार घोषित करने से पहले ही कांग्रेस की अगुवाई में विपक्ष चाहता है कि वह सरकार को पस्त कर दे.
हालांकि, विपक्ष अब तक अपना प्रत्याशी तक तय नहीं कर पाया है. कई नाम हैं, जो चर्चा में हैं. लेकिन, कहीं से इस बात की पुष्टि नहीं हो रही है कि वह राष्ट्रपति बनना चाहते हैं या विपक्षी दल उन्हें राष्ट्रपति बनाना चाहता है.
राष्ट्रपति चुनाव से पड़ेगी विपक्षी एकता की नींव
इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज नयी दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलनेवाली हैं. हो सकता है ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे महात्मा गांधी के पोते गोपाल कृष्ण गांधी को विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने की सोनिया गांधी से गुजारिश करें.
वर्ष 2012 में राष्ट्रपति चुनाव में समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव से धोखा खाने के बाद तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी ने गोपाल कृष्ण गांधी को उपराष्ट्रपति चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन गांधी ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था. हो सकता है इस बार ममता बनर्जी की पहल रंग लाये और गोपाल कृष्ण गांधी विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बन जायें.
राष्ट्रपति चुनाव : भाजपा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है शिवसेना का वोट
ऐसी संभावना इसलिए जतायी जा रही है क्योंकि पूर्व प्रशासक, राजनयिक और गवर्नर गोपाल कृष्ण गांधी ने पिछले दिनों स्वीकार किया था कि विपक्ष के नेताओं ने उन्हें राष्ट्रपति चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया है. साथ ही उन्होंने जोड़ा था कि अभी तक इस पर अंतिम फैसला नहीं हुआ है.
सूत्रों की मानें, तो राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर विपक्षी दलों में दो नामों पर सहमति बन रही है, जिसमें गोपाल कृष्ण गांधी का नाम सबसे आगे है. पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार का नाम भी चर्चा में है. उन्होंने बताया कि इस बाबत कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने गोपाल कृष्ण गांधी से बात की है.
राष्ट्रपति चुनाव होने तक आदित्यनाथ और पर्रिकर की बनी रहेगी सांसदी
सोनिया गांधी यदि गोपाल कृष्ण गांधी को विपक्ष का उम्मीदवार बनाने के लिए तैयार हो जाती हैं, तो ममता बनर्जी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की नेता मायावती से भी मुलाकात कर सकती हैं. हालांकि, माना यह जा रहा है कि विपक्ष अपना उम्मीदवार घोषित करने से पहले सत्तारूढ़ भाजपा के उम्मीदवार की घोषणा का इंतजार करेगा.
बहरहाल, एक दिन पहले ही विपक्षी एकजुटता की हवा उस वक्त निकल गयी थी, जब राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात के बाद नीतीश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. नीतीश ने साफ कर दिया कि प्रणब मुखर्जी तभी चुनाव लड़ेंगे, जब उनके नाम पर सर्वसम्मति बन जाये. इसके आसार तो अभी दूर-दूर तक नहीं दिख रहे.