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Weather Forecast : आपके शहर या गांव में कब और कितनी बारिश होगी यह पहले चल जाएगा पता

Weather Forecast : मौसम विभाग प्रमुख ने कहा कि आगे चलकर आईएमडी पंचायत स्तर और शहरों के भीतर विशिष्ट स्थानों तक पूर्वानुमान उपलब्ध कराएगा. चेतावनी प्रणाली में सुधार के चलते चक्रवाती तूफान और लू से होने वाली मौतों की संख्या में कमी आयी है.

Weather Forecast : इन दिनों देश के कई राज्यों में भीषण बारिश का दौर जारी है. हालांकि झारखंड और बिहार सहित कई राज्यों में बारिश की कमी दर्ज की गयी है. इस संबंध में आईएमडी महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन ने मौसम संबंधी गंभीर घटनाओं की सटीक भविष्यवाणी करने की पूर्वानुमान एजेंसियों की क्षमता को बाधित किया है. जलवायु परिवर्तन के कारण भारत में मानसून में भारी बारिश के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है.

आईएमडी पंचायत स्तर और शहरों के भीतर विशिष्ट स्थानों तक पूर्वानुमान उपलब्ध कराएगा

महापात्रा ने आगे कहा कि जलवायु परिवर्तन एक वास्तविकता है, उसी के हिसाब से सभी गतिविधियों की योजना बनाने की जरूरत है. भारत मौसम विभाग (आईएमडी) अपनी निगरानी सुविधा में विस्तार कर रहा है. 2022 में 34 के मुकाबले 2025 में उसके रडार की संख्या बढ़कर 67 हो जाएगी. मौसम विभाग प्रमुख ने कहा कि आगे चलकर आईएमडी पंचायत स्तर और शहरों के भीतर विशिष्ट स्थानों तक पूर्वानुमान उपलब्ध कराएगा. चेतावनी प्रणाली में सुधार के चलते चक्रवाती तूफान और लू से होने वाली मौतों की संख्या में कमी आयी है. पिछले तीन वर्षों में सेवा में जबरदस्त सुधार हुआ.

केंद्र सरकार ने क्‍या बताया

यहां चर्चा कर दें कि केंद्र सरकार ने 27 जुलाई को संसद को बताया था कि उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, मेघालय और नगालैंड में बीते 30 वर्षों (1989 से 2018 तक) में दक्षिण-पश्चिमी मानसून से होने वाली बारिश में उल्लेखनीय कमी देखी गई है. इसने कहा था कि इन पांच राज्यों और अरुणाचल प्रदेश व हिमाचल प्रदेश में वार्षिक औसत बारिश में भी उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है. महापात्रा ने कहा कि हालांकि, 1970 से लेकर अब तक के बारिश के दैनिक डेटा के विश्लेषण से पता चलता है कि देश में भारी वर्षा के दिनों में वृद्धि हुई है, जबकि हल्की या मध्यम स्तर की बारिश के दिनों में कमी आई है.

अगर बारिश हो रही है तो बहुत ज्यादा पानी बरस रहा है

उन्होंने पीटीआई-भाषा को दिए साक्षात्कार में कहा कि इसका मतलब है कि अगर बारिश नहीं हो रही है तो यह एकदम नहीं हो रही है. और अगर बारिश हो रही है तो बहुत ज्यादा पानी बरस रहा है. कम दबाव का क्षेत्र बनने पर बारिश अधिक तीव्र होती है. यह भारत सहित उष्णकटिबंधीय बेल्ट में देखे जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण रुझानों में से एक है. अध्ययनों ने साबित किया है कि भारी बारिश की घटनाओं में वृद्धि और हल्की वर्षा के दिनों में कमी जलवायु परिवर्तन का नतीजा है.

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