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Covid 19 : 200 से अधिक वैज्ञानिकों ने सरकार से की Coronavirus संबंधी जांच सुविधाएं बढ़ाने की अपील की

देश में 200 से अधिक वैज्ञानिकों और भारतीय शिक्षक समुदाय के सदस्यों ने मंगलवार को सरकार से अपील की कि वह देश के हर क्षेत्र में कोविड-19 संक्रमण का पता लगाने के लिए जांच सुविधाओं में तेजी से इजाफा करे

नयी दिल्ली : देश में 200 से अधिक वैज्ञानिकों और भारतीय शिक्षक समुदाय के सदस्यों ने मंगलवार को सरकार से अपील की कि वह देश के हर क्षेत्र में कोविड-19 संक्रमण का पता लगाने के लिए जांच सुविधाओं में तेजी से इजाफा करे। वैज्ञानिकों के एक बयान जारी करके कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देशभर में 21 दिन का बंद लागू किए जाने के सरकार के फैसले का स्वागत किया. कई अकादमिक एवं अनुसंधान संस्थानों से संबद्ध वैज्ञानिकों ने कहा कि सरकारी और व्यक्तिगत फैसले स्थापित वैज्ञानिक नियमों, प्रोटोकॉल एवं तर्क पर आधारित होने चाहिए। केंद्र सरकार, सरकारी एवं राज्य की एजेंसियों और आम लोगों को संबोधित इस बयान पर पुणे के भारतीय विज्ञान, शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर) के अर्णब घोष और अयान बनर्जी, अशोका विश्वविद्यालय के एल एस शशिधर, आईआईटी कानपुर के के. मुरलीधर, दिल्ली विश्वविद्यालय की सोनाली सेनगुप्ता और कई अन्य वैज्ञानिकों ने हस्ताक्षर किए हैं.

वैज्ञानिकों ने कहा कि हालांकि भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या अपेक्षाकृत कम है लेकिन स्थिति के अनियंत्रित होने से पहले अन्य देशों से सबक लेकर कड़े और शीघ्र कदम उठाए जाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा, ‘‘बंद की अवधि बढ़ाए जाने की संभावना और स्वास्थ्यसेवा कर्मियों एवं आवश्यक सेवाओं से जुड़े कर्मियों को खतरे के मद्देनजर हम सरकार एवं राज्य एजेंसियों से अपील करते हैं कि वे बंद के मौजूदा चरण में देश को तैयार करने के लिए कई कदम उठाएं.” बयान में कहा गया है, ‘‘हम जांच, संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने, उन्हें पृथक करने की गति तेज करने के लिए कदम उठाने की सिफारिश करते हैं।” उन्होंने कहा कि यदि यह बंद लंबे समय तक नहीं भी रहता है तो भी ये कदम भविष्य में इसी प्रकार की महामारी, वैश्विक महामारी या अन्य आपदा के लिए देश की तैयारी को मजबूत करेंगे। वैज्ञानिकों ने कहा, ‘‘हम आम लोगों से अपील करते हैं कि वे मिथकों और चमत्कारिक उपचार संबंधी भ्रामक सूचनाओं को वैज्ञानिक बताने वाले झूठे दावे से प्रभावित नहीं हों.” इस बयान पर ‘पीटीआई भाषा’ से चर्चा करते हुए आईआईएसईआर कोलकाता के प्रोफेसर दिव्येंदु नंदी ने कहा कि ऐसी स्थिति में समाज के साथ संवाद स्थापित करना वैज्ञानिकों का दायित्व है.

Shaurya Punj
Shaurya Punj
रांची के सेंट जेवियर्स कॉलेज से मास कम्युनिकेशन में स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के बाद मैंने डिजिटल मीडिया में 14 वर्षों से अधिक समय तक काम करने का अनुभव हासिल किया है. धर्म और ज्योतिष मेरे प्रमुख विषय रहे हैं, जिन पर लेखन मेरी विशेषता है. हस्तरेखा शास्त्र, राशियों के स्वभाव और गुणों से जुड़ी सामग्री तैयार करने में मेरी सक्रिय भागीदारी रही है. इसके अतिरिक्त, एंटरटेनमेंट, लाइफस्टाइल और शिक्षा जैसे विषयों पर भी मैंने गहराई से काम किया है. 📩 संपर्क : [email protected]

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