Longwa Village: क्या आपने कभी ऐसा गांव देखा है जहां एक ही घर का आधा हिस्सा भारत में और आधा म्यांमार में हो? अगर नहीं, तो आपको जरूर जानना चाहिए लोंगवा गांव के बारे में जो अपनी अनोखी भौगोलिक स्थिति और खूबसूरती के लिए मशहूर है. यह गांव भारत के नागालैंड राज्य के मोन जिले में स्थित है और इसका आधा हिस्सा म्यांमार में आता है.
लोंगवा गांव भारत और म्यांमार की सीमा पर स्थित है
1970-71 में जब भारत-म्यांमार की सीमा तय की गई, तब यह गांव दो हिस्सों में बंट गया. गांव के कई घर ऐसे हैं जहां किचन भारत में और बेडरूम म्यांमार में पड़ता है. यानी लोग खाना भारत में खाते हैं और सोने के लिए म्यांमार चले जाते हैं वो भी बिना पासपोर्ट और वीजा के.
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दोनों देशों की नागरिकता, बिना रोक-टोक आवाजाही
इस अनोखे गांव के लोगों को तकनीकी रूप से दोनों देशों की नागरिकता मिली हुई है. वे बिना किसी दस्तावेज़ के भारत और म्यांमार के बीच आसानी से आ-जा सकते हैं. यह छूट केवल लोंगवा के लोगों को ही मिली हुई है, जो इसे और खास बनाती है.
कैसे पहुंचें लोंगवा गांव?
नोंगवा गांव नागालैंड की राजधानी कोहिमा से करीब 389 किलोमीटर दूर है. यहां तक आप कार या टू-व्हीलर से आसानी से पहुंच सकते हैं. हालांकि रास्ता पहाड़ी और घुमावदार है, लेकिन प्राकृतिक नजारों के बीच यह यात्रा यादगार बन जाती है.
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