India-France Sign Rafale Deal: भारत और फ्रांस के बीच सोमवार के दिन 26 राफेल-एम फाइटर जेट की डील होने वाली है. राफेल डील की सारी कागजी कार्रवाई हो चुकी है, आज बस समझौता पत्र पर हस्ताक्षर के साथ ही इस डील पर आखिरी मुहर लग जाने वाला है. यह डील भारतीय नौसेना को पहले से अधिक सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देने वाला है. भारत सरकार ने इस डील के लिए करीब 63,000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. खरीदे गए विमानों में 22 सिंगल-सीट और 4 ट्विन-सीट विमान शामिल हैं.
Today, India and France signed a mega Rs 63,000 crore deal to buy 26 Rafale Marine aircraft for the Indian Navy. The Indian side was represented by Defence Secretary Rajesh Kumar Singh, where Navy Vice Chief Vice Admiral K Swaminathan was present
— ANI (@ANI) April 28, 2025
(Video source: Indian Navy… pic.twitter.com/5W6SdwcuD8
आईएनएस विक्रांत और आईएनएस विक्रमादित्य पर होगी जेट की तैनाती
भारत और फ्रांस के बीच हो रहे इस डील का डर अभी से पाकिस्तान में देखा जा सकता है. जानकारी के मुताबिक, भारत आ रहे इन राफेल जेट को आईएनएस विक्रांत और आईएनएस विक्रमादित्य पर तैनात किया जाने वाला है. यह डील साउथ ब्लॉक में स्थित रक्षा मंत्रालय में होगा. रक्षामंत्री राजनाथ की अध्यक्षता में रक्षा खरीद परिषद ने नौसेना के राफेल डील के प्रस्ताव को स्वीकार किया था. 2016 में ही भारत ने फ्रांस के साथ इस डील को किया था.
दक्षिण एशिया के केवल दो ही देश इस राइफल को कर सकते हैं कैरियर
राफेल-एम फ्रांस में निर्मित एक लड़ाकू विमान है. इसकी ताकत का अंदाजा आप इस बात से लगा लीजिएगा कि दक्षिण एशिया में भारत और चीन के अलावा ऐसा कोई देश नहीं है जो इस एयरक्राफ्ट को कैरियर कर सके. इस राफेल डील मेंटेनेंस और लॉजिस्टिक सपोर्ट शामिल है. इसके अलावा इस ऑपरेशन के कैसे इस्तेमाल करना है, इसकी ट्रेनिंग भी दी जाएगी. इसके सेना के साथ जुड़े रहने से भारतीय नौसेना की ताकत में बढ़ोतरी होगी. जानकारी के मुताबिक, इस डील को ऑफसेट प्रोविजन के तहत किया जा रहा है. मतलब भारत के मेक इन इंडिया नीति को बढ़ावा मिलने वाला है. भारत के पास पहले से 36 राफेल विमान हैं. अब इसमें ये 26 नए राफेल जुड़ने वाले हैं.