16.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Indian Army: ‘सैनिक हथियार के साथ बाज लेकर चलेंगे’, सेना प्रमुख बोले- ड्रोन से लैश होगी भारतीय सेना

Indian Army: थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने गुरुवार को अरुणाचल प्रदेश के लिकाबाली स्थित एक ड्रोन केंद्र का दौरा किया. उन्होंने इस दौरान ड्रोन क्षमताओं के इस्तेमाल और संचालन पर जोर दिया.

Indian Army: थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा- सेना ड्रोन और ड्रोन-रोधी प्रणालियों को तेजी से शामिल कर रही है. 26 जुलाई को 26वें कारगिल विजय दिवस पर अपने भाषण के दौरान सेना प्रमुख ने घोषणा की थी कि प्रत्येक पैदल सेना बटालियन में एक ड्रोन प्लाटून होगी, तोपखाना रेजिमेंट ड्रोन-रोधी प्रणालियों और लोइटर हथियारों से लैस होंगे तथा सटीकता और अस्तित्व रक्षा के लिए मिश्रित ‘दिव्यास्त्र’ बैटरी तैयार की जाएंगी.

भविष्य के सैनिक हथियार के साथ बाज लेकर चलेंगे

सेना यह सुनिश्चित कर रही है कि ‘भविष्य का सैनिक’ न केवल एक हथियार, बल्कि एक बाज भी लेकर चलेगा. यह बाज एक ऐसा ड्रोन होगा जो युद्धक्षेत्र में उसकी दृष्टि, पहुंच और शक्ति का विस्तार करेगा. माना जा रहा है कि मई में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सशस्त्र बलों द्वारा ड्रोन और ड्रोन-रोधी तनकीक का बड़े पैमाने पर उपयोग किया गया था. ऑपरेशन सिंदूर पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद शुरू किया गया था, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी.

आने वाले दिनों में हमारी मारक क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी : सेना प्रमुख

जनरल द्विवेदी ने घोषणा की थी, ‘‘आने वाले दिनों में हमारी मारक क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी.’’ उन्होंने जोर देकर कहा था कि सेना एक आधुनिक और भविष्य के लिए तैयार सेना बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है. बयान में कहा गया है कि कई इकाइयां पहले ही चालू हो चुकी हैं और ‘प्रमुख प्रशिक्षण अकादमियों में ड्रोन केंद्र स्थापित किए गए हैं’ जैसे कि देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी, महू स्थित इन्फैंटरी स्कूल और चेन्नई स्थित अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (ओटीए).

सैनिकों के लिए ड्रोन संचालन एक मानक क्षमता के रूप में किया जाएगा स्थापित

सेना के सभी अंगों के सैनिकों के लिए ड्रोन संचालन को एक मानक क्षमता के रूप में स्थापित करना है. सेना का अप्रोच ‘ईगल इन द आर्म’ की अवधारणा (यह विचार कि प्रत्येक सैनिक ड्रोन चलाने में सक्षम होना चाहिए, ठीक उसी तरह जैसे वह अपना हथियार रखता है) में समाहित है.

ड्रोन का इस्तेमाल कहां-कहां किया जाएगा

बयान में कहा गया है कि इकाई या सैनिक के कार्य के आधार पर, ड्रोन का इस्तेमाल युद्ध, निगरानी, ​​रसद या यहां तक कि चिकित्सा आधार पर निकासी के लिए भी किया जाएगा. इसमें कहा गया है कि ड्रोन-रोधी उपायों को भी समानांतर रूप से लागू किया जा रहा है और इसके तहत मानवरहित मंचों का दोहन करने और उन्हें बेअसर करने के लिए एक स्तरित प्रणाली तैयार की जा रही है.

ये भी पढ़ें: रांची पहुंचे सीडीएस अनिल चौहान, बोले- फौज में भाई-भतीजावाद नहीं, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर कही ये बात

ArbindKumar Mishra
ArbindKumar Mishra
मुख्यधारा की पत्रकारिता में 14 वर्षों से ज्यादा का अनुभव. खेल जगत में मेरी रुचि है. वैसे, मैं राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खबरों पर काम करता हूं. झारखंड की संस्कृति में भी मेरी गहरी रुचि है. मैं पिछले 14 वर्षों से प्रभातखबर.कॉम के लिए काम कर रहा हूं. इस दौरान मुझे डिजिटल मीडिया में काम करने का काफी अनुभव प्राप्त हुआ है. फिलहाल मैं बतौर शिफ्ट इंचार्ज कार्यरत हूं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel