कनाकोना : भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने आज कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आजादी के बाद ‘‘सबसे ज्यादा कटु आलोचना का सामना करने वाले” व्यक्ति हैं. उन्होंने कहा कि यदि आलोचना देश के खिलाफ लक्षित हो, तो इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं कहा जा सकता.शाह ने यहां ‘इंडिया आइडिया कांक्लेव 2016′ के उद्घाटन में कहा, ‘‘सबसे ज्यादा कटु आलोचना अगर किसी एक व्यक्ति की हुई है आजादी के बाद तो वह नरेंद्र मोदी जी की.” उन्होंने कहा, ‘‘आलोचना का स्वागत है. आलोचना को सहन भी करना चाहिए.
मगर नरेंद्र मोदी जी की ओलाचना से एक कदम आगे जाकर अगर इसको देश के विरोध की दिशा में ले जाएंगे, तो क्षमा करना, ये सच्ची स्वतंत्रता नहीं है अभिव्यक्ति की.” शाह ने कहा कि यद्यपि असहमत होना लोकतंत्र का हिस्सा है, लेकिन यदि यह अवांछित तरह से जारी रहता है तो विकास नहीं हो सकता.उन्होंने कहा, ‘‘यदि लोग इसे नहीं समझते तो लोकतंत्र का उद्देश्य खत्म हो जाएगा. लोकतंत्र का उद्देश्य यह सुनिश्चित करने का है कि विकास समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे जो इसका इस्तेमाल अपनी स्वतंत्रता को महसूस करने के लिए अपनी अधिकतम क्षमता को तलाशने के वास्ते कर सके.” भाजपा प्रमुख ने कहा कि देश को आजादी के 68 साल बाद तब सुशासन मिला जब मोदी के नेतृत्व में सरकार सत्ता में आई.
तीन तलाक के मुद्दे के संबंध में उन्होंने कहा कि ‘‘जब केंद्र सरकार ने एक रख ले लिया है तो मुद्दे पर भ्रम की कोई गुंजाइश नहीं है.” उन्होंने कहा, ‘‘संविधान ने हर महिला को यहां सुरक्षा के साथ रहने की स्वतंत्रता दी है. क्या आपने कभी कल्पना की थी कि महिलाओं के मुद्दे स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री के भाषण का हिस्सा हो सकते हैं? लेकिन जब भाजपा सत्ता में आई तो यह प्रधानमंत्री के भाषण का हिस्सा हो गया