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जम्‍मू-कश्‍मीर में सरकार गठन : पीडीपी-भाजपा की हरी झंडी

श्रीनगर : जम्मू कश्मीर में भाजपा और पीडीपी के बीच जारी गतिरोध खत्म हो गया है. सूबे को चार अप्रैल को पहली महिला मुख्यमंत्री मिलने जा रही है. प्राप्त जानकारी के अनुसार पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती चार अप्रैल को जम्मू कश्मीर की पहली महिला मुख्यमंत्री के रुप में शपथ लेंगी. इधर भाजपा के महासचिव राम […]

श्रीनगर : जम्मू कश्मीर में भाजपा और पीडीपी के बीच जारी गतिरोध खत्म हो गया है. सूबे को चार अप्रैल को पहली महिला मुख्यमंत्री मिलने जा रही है. प्राप्त जानकारी के अनुसार पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती चार अप्रैल को जम्मू कश्मीर की पहली महिला मुख्यमंत्री के रुप में शपथ लेंगी.

इधर भाजपा के महासचिव राम माधव ने भी आज कहा कि महबूबा मुफ्ती और निर्मल सिंह के बीच बैठक के बाद भाजपा और पीडीपी के बीच सहमति बनी है. मैं आशा करता हूं कि दो-तीन दिन में शपथ ग्रहण समारोह हो जाएगा.

इस सबंध में जानाकरी देते हुए पीडीपी के नेता अमिताभ मट्टू ने बताया कि महबूबा मुफ्ती साहिबा चार अप्रैल को जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री के रुप में शपथ ग्रहण करेंगी. पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के एक सलाहकार के रुप में काम कर चुके मट्टू ने उम्मीद व्यक्त की कि 56 वर्षीय महबूबा क्षेत्र में शांति और समृद्धि के एक नये युग की शुरुआत करेंगी.

इस बीच, पीडीपी और इसके गठबंधन सहयोगी भाजपा के सूत्रों ने बताया कि उन्होंने राज्य के राज्यपाल एन एन वोहरा को शपथ ग्रहण समारोह के लिए तय की गयी तारीख के बारे में जानकारी भी दे दी है. उन्होंने बताया कि दोनों पार्टियों के नेतृत्व के बीच विचार-विमर्श के बाद नये कैबिनेट के शपथ ग्रहण की तारीख के बारे में निर्णय लिया गया है. शपथ ग्रहण समारोह में विलंब को लेकर गठबंधन सहयोगियों के बीच में किसी तरह के मतभेद के बारे में पूछे जाने पर सूत्रों ने बताया कि कोई मतभेद नहीं है लेकिन गठबंधन सहयोगियों के बीच विचार-विमर्श होना होता है और इसमें समय लगता है.

महबूबा के पीडीपी विधायक दल की नेता चुने जाने के दो दिन के बाद पीडीपी और भाजपा ने 26 मार्च को सरकार गठन का दावा पेश किया था. पिछले साल एक मार्च से इस साल सात जनवरी तक 10 महीने पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार की अगुवाई करने वाले उनके पिता के इंतकाल के बाद महबूबा ने पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री के रुप में कार्यभार संभालने को लेकर अनिच्छा जताई थी. वह केंद्र सरकार से इस बात का आश्वासन चाहती थीं कि पिछले साल दोनों पार्टियों द्वारा तैयार किए गए न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) का कार्यान्वयन किया जाएगा.

महबूबा जम्मू-कश्मीर विशिष्ट विश्वास बहाली पर भी कुछ उपाय चाहती थी. हालांकि, 22 मार्च को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ उनकी मुलाकात के बाद राज्य में सरकार गठन पर दो महीने से चला आ रहा गतिरोध समाप्त हो गया. प्रधानमंत्री के साथ अपनी बैठक को महबूबा ने सकारात्मक करार दिया था और कहा था कि अब वह संतुष्ट हैं.

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