रायपुर: छत्तीसगढ़ में रमन सिंह ने लगातार तीसरी बार आज मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.
समारोह में मुख्यमंत्री ने अकेले शपथ ली. वह बाद में अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे.
राज्य में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की जीत के बाद भाजपा विधायक दल ने सर्वसम्मति से रमन सिंह को अपना नेता चुना तथा सिंह के लिए राज्य में लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया.
ऐसे में जब वर्ष 2003 में राज्य में विधानसभा के चुनाव हुए तब चुनाव से ठीक पहले रमन सिंह को भारतीय जनता पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. भाजपा सूत्रों के मुताबिक तब राज्य में भाजपा की कमजोर स्थिति को देखकर अन्य वरिष्ठ नेताओं ने यहां प्रदेश अध्यक्ष बनने से इंकार कर दिया था और भाजपा आलाकमान ने इसकी जिम्मेदारी रमन सिंह को सौंप दी थी.
राजनीतिक जानकारों के मुताबिक राज्य में भाजपा अध्यक्ष के रुप में नियुक्ति ने रमन सिंह की राजनीति को नई दिशा दी और वर्ष 2003 में भाजपा के चुनाव जीतने तथा वरिष्ठ नेता दिलीप सिंह जुदेव के कथित स्टिंग आपरेशन में फंसने के बाद रमन सिंह को मुख्यमंत्री बनाया गया.
प्रदेश में पांच वर्ष तक शासन के बाद जब वर्ष 2008 में राज्य में दूसरी बार विधानसभा चुनाव हुए तब इससे ठीक पहले मुख्यमंत्री रमन सिंह ने गरीबों को सस्ता चावल देने की योजना शुरु की और वह राज्य में चावल वाले बाबा बन गए. इस चुनाव में भी भाजपा ने रमन के चेहरे को आगे रखा और चावल और रमन के कारण राज्य में दूसरी बार भाजपा की सरकार बनी.
वर्ष 2008 से वर्ष 2013 के मध्य पांच के वर्ष के दौरान सिंह ने अपने राजनीतिक कौशल का परिचय दिया और अपनी लोकप्रिय छवि को कायम रखा. उनकी लोकप्रिय छवि के कारण ही राज्य में आदिवासी मुख्यमंत्री की मांग करने वाले आदिवासी नेताओं को आलाकमान ने शांत करा दिया या वे चुनाव हार गए.
राज्य में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने सिंह और उनके मंत्रिमंडल के साथियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए लेकिन इन आरोपों के बावजूद सिंह राज्य में लोगों के पसंदीदा नेता रहे और लगातार तीसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री के रुप में आज शपथ ली.रमन पूर्व में आयुर्वेद के डॉक्टर भी रह चुके हैं.