बेंगलूर : भारत के मार्स-ऑर्बिटर अंतरिक्ष यान को मंगल की अपनी यात्र के लिए कुल 68 करोड किलोमीटर में से अब 8.8 करोड किलोमीटर की दूरी करना शेष रह गया है. मार्स-ऑर्बिटर अंतरिक्ष यान को 24 सितंबर को मंगल ग्रह की कक्षा में पहुंचना है.
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मंगल की कक्षा में पहुंचने के लिए मार्स ऑर्बिटर को तय करनी है महज 8.8 करोड किमी की दूरी
बेंगलूर : भारत के मार्स-ऑर्बिटर अंतरिक्ष यान को मंगल की अपनी यात्र के लिए कुल 68 करोड किलोमीटर में से अब 8.8 करोड किलोमीटर की दूरी करना शेष रह गया है. मार्स-ऑर्बिटर अंतरिक्ष यान को 24 सितंबर को मंगल ग्रह की कक्षा में पहुंचना है. बेंगलूर स्थित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा कि […]
बेंगलूर स्थित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा कि सुदूर अंतरिक्ष में अपनी 300 दिनों की यात्र में मार्स-ऑर्बिटर मिशन को मंगल तक पहुंचने के लिए अपने सूर्यकेंद्रित प्रक्षेपण पथ में 8.8 करोड किलोमीटर की और दूरी तय करनी है.
इसरो ने ‘मार्स-ऑर्बिटर मिशन फेसबुक’ पेज पर एक पोस्ट में कहा कि रेडियो सिग्नलों को मार्स-ऑर्बिटर मिशन तक पहुंचने और वापस आने में 20 मिनट का वक्त लग रहा है.इससे पहले, इसरो ने कहा था कि वैज्ञानिक अगस्त में इस महत्वाकांक्षी मिशन के लिए नियोजित ट्रैजेक्टरी करेक्शन मैनोवर को अंजाम नहीं देंगे.
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