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Chandrayaan 2 के बाद अब Mangalyaan 2 की तैयारी में ISRO, 5 साल पहले MOM ने रचा था इतिहास

चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने की भारत की तमाम कोशिशों के बीच यह जान लेना महत्वपूर्ण होगा कि भारत ने 24 सितम्बर, 2014 को अपने पहले ही प्रयास में अपने अंतरिक्ष यान को मंगल की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित करके अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में एक बड़ा इतिहास रचा था. भारत 24 सितंबर, 2014 […]

चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने की भारत की तमाम कोशिशों के बीच यह जान लेना महत्वपूर्ण होगा कि भारत ने 24 सितम्बर, 2014 को अपने पहले ही प्रयास में अपने अंतरिक्ष यान को मंगल की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित करके अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में एक बड़ा इतिहास रचा था.

भारत 24 सितंबर, 2014 को मंगल पर पहुंचने के साथ अपने पहले ही प्रयास में यह उपलब्धि हासिल करने वाला विश्व का पहला देश बन गया. एशिया के दो दिग्गज चीन और जापान को भारत ने पीछे छोड़ दिया क्योंकि यह दोनों देश अपने पहले मंगल अभियान में सफल नहीं हो पाए थे.

मालूम हो कि ‘मंगलयान’ की पहली वर्षगांठ के मौके पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बेंगलुरू में बेहद मनमोहक तस्वीरों से सजी ‘मार्स एटलस’ जारी की थी. इस दौरान मार्स ऑरबिटर मिशन (MOM) ने लाल ग्रह की बेहद शानदार तस्वीरों के अलावा मंगल की पूरी परिधि तथा सौरमंडल के सबसे ऊंचे ज्वालामुखियों और सबसे गहरी घाटियों की तस्वीरें भी भेजी. मंगलयान पर लगे मार्स कलर कैमरा के जरिये खींची गईं लगभग 350 तस्वीरों में से 100 से भी अधिक इस वैज्ञानिक एटलस में शुमार की गईं.

मंगलयान लाल ग्रह का अध्ययन करने के लिए मिशन पर भेजा गया था, यह अभी काम कर रहा है और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों को लगातार मंगल ग्रह की तस्वीरें तथा डेटा भेज रहा है. देश के कम लागत वाले मंगलयान मिशन को लाल ग्रह की कक्षा में पहुंचे पांच साल पूरे हो गये हैं. उपग्रह अच्छी हालत में है और अपेक्षा के अनुरूप लगातार काम कर रहा हैऔर मंगलयान से मिले आंकड़ों का वैज्ञानिक विश्लेषण जारी है.

मालूम हो कि इसरो ने पांच नवंबर, 2013 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी रॉकेट से मंगलयान को नौ महीने की यात्रा पर रवाना किया था. यह पृथ्वी के गुरुत्व क्षेत्र से एक दिसंबर, 2013 को बाहर निकल गया.

अब इसरो मंगलयान 2 (मार्स ऑर्बिटर मिशन 2, मॉम 2) भेजने की तैयारी कर रहा है. इस बार मंगलयान सिर्फ मंगल ग्रह का चक्कर ही नहीं लगाएगा, बल्कि लैंडर और रोवर मंगल की सतह पर उतर कर एक्सपेरिमेंट भी करेगा. वहां के सतह, वातावरण, रेडिएशन, तूफान, तापमान आदि का अध्ययन करेगा. इसे 2021-22 में लॉन्च किये जानेकी योजना है.

आपको बता दें कि भारत के मंगल मिशन की सफलता से प्रेरित बॉलीवुड में एक फिल्म भी बनी, नाम था- ‘मिशन मंगल’. जगन शक्ति के निर्देशन में बनी इस फिल्म में अक्षय कुमार, विद्या बालन, सोनाक्षी सिन्हा, कीर्ति कुल्हारी, तापसी पन्नू, निथ्या मेनन और एचजी दत्तात्रेय मुख्य भूमिकाआेंमें नजर आये. इस साल 15 अगस्त को रिलीज हुई इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 200 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की.

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