भोपाल : मध्य प्रदेश के कार्यवाहक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रदेश के विधानसभा चुनाव के दौरान किये गये किसानों के कर्ज माफी के अपने वादे को पूरा करें. मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों के लिए मंगलवार को हुई मतगणना में भाजपा से हारने के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद चौहान ने संवाददाताओं को बताया, कांग्रेस ने अपने ‘वचन पत्र’ में 10 दिन में कर्ज माफी का वचन दिया है.
उन्होंने कहा कि राहुलजी ने कहा था कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के 10 दिन में यदि किसानों को कर्ज माफ नहीं होगा तो हम (कांग्रेस) मुख्यमंत्री बदल देंगे. चौहान ने कहा, यह उनका (राहुल गांधी) विषय है. वह तय करें. लेकिन, मुझे विश्वास है कि वह उस वादे को जरूर पूरा करेंगे. अपने शासनकाल के दौरान चलायी गयी संबल एवं लाडली लक्ष्मी योजना सहित विभिन्न योजनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने प्रदेश में बननेवाली सरकार से आग्रह किया कि वह इन योजनाओं को ठीक ढंग से चलाये. उन्होंने कहा, अथक परिश्रम करने के बाद भी हमें अपेक्षित सफलता भी प्राप्त नहीं हुई. अगर इस हार के लिए कोई जिम्मेदार है तो शिवराज सिंह चौहान है. मैं हूं. चौहान ने कहा, केंद्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के बाद भी हम चुनाव हार गये. दोष मुझमें ही है. कमी मुझमें ही कहीं न कहीं है. मैं इस कसौटी पर खरा नहीं उतर पाया. अबकी बार 200 पार पर हम फेल हो गये हैं.
जब उनसे सवाल किया गया कि 13 मंत्रियों के हारने में क्या टिकट वितरण में गलती हुई, तो उन्होंने कहा, जो भी गलती थी, वह मेरी थी. हम जनता के बीच अपने विकास की योजनाओं को ठीक से नहीं पहुंचा पाये. इसके अलावा, कांग्रेस ने जनता के बीच भ्रम का वातावरण बनाया. जब उनसे सवाल किया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को इस हार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए, तो इस पर उन्होंने कहा, कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है. यह प्रदेश का मुद्दा है. उन्होंने कहा कि अब हम सशक्त एवं रचनात्मक सहयोग से विपक्ष की भूमिका निभायेंगे और प्रतिरोध पर चौकीदारी की भी जिम्मेदारी हमारी है.
एक सवाल के जवाब में चौहान ने कहा कि वर्ष 2019 में होनेवाले लोकसभा चुनाव में फिर से भाजपा की सरकार बने, यह मेरी मंशा है और इसके लिए हम अभी से तैयारी शुरू करेंगे. उन्होंने कहा कि जनता से असीम स्नेह और प्यार सरकार को विशेष रूप से मुझे मिलता रहा. उन्होंने कहा, परिवार का सदस्य बनकर मैंने सरकार चलाने की कोशिश की. मुझे लगता था कि प्रदेश की साढ़े सात करोड़ जनता मेरा परिवार है. उनका सुख मेरा सुख और उनका दुख मेरा दुख है. अपने 13 साल के शासनकाल में मैंने भरसक क्षमता के साथ प्रदेश का विकास करने की कोशिश की.