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#HappyBirthday: इटली के छोटे से गांव में जन्म लेने वाली सोनिया गांधी ऐसे बनीं भारत की सबसे ताकतवर नेता

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के जन्मदिन पर उन्हें बधाई दी. प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया कि मैं श्रीमती सोनिया गांधी को उनके जन्मदिन पर बधाई देता हूं. मैं उनकी लंबे और स्वस्थ जीवन की कामना करता हूं. सोनिया गांधी का जन्म 1946 में इटली के लुसियाना […]

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के जन्मदिन पर उन्हें बधाई दी. प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया कि मैं श्रीमती सोनिया गांधी को उनके जन्मदिन पर बधाई देता हूं. मैं उनकी लंबे और स्वस्थ जीवन की कामना करता हूं. सोनिया गांधी का जन्म 1946 में इटली के लुसियाना में हुआ था. वह रविवार को 72 साल की हो गईं. पीएम मोदी के अलावा कई राजनेताओं ने उनके जन्मदिन पर उन्हें बधाई दी है.

आइए हम आपको सोनिया गांधी के बारे में कुछ खास बातें बताते हैं. सोनिया गांधी ने कांग्रेस पार्टी की कमान उस वक्त संभाली थी जब पार्टी राजीव गांधी की हत्या के बाद खस्ताहाल थी, लेकिन सोनिया ने अपने नेतृत्व में पार्टी को शिखर तक पहुंचाया और केंद्र में दो बार यूपीए की सरकार बनी. वर्ष 2004 में जब कांग्रेस पार्टी की सरकार बनी तो उन्होंने प्रधानमंत्री का पद ठुकराया और डॉ मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनवाया. सोनिया के इस निर्णय से राजनीति में उनका कद बढ़ा और एक समय ऐसा भी आया कि उन्हें देश की सबसे ताकतवर नेता बताया गया. सोनिया अब 72 वर्ष की हो गयी हैं, लेकिन जब वे भारत आयीं थीं तो उनकी उम्र मात्र 22 साल की थीं.

इटली के छोटे से गांव वैनेतो में नौ दिसंबर 1946 को जन्मी सोनिया गांधी बहुत साधारण परिवार से थीं. उनका परिवार एक रोमन कैथोलिक परिवार था और पिता इमारत बनाने का काम करते थे. सोनिया की प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही हुई. आगे की पढ़ाई उन्होंने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से की. पढ़ाई के दौरान ही सोनिया और राजीव गांधी की मुलाकात हुई. सोनिया गांधी और राजीव गांधी की शादी 1968 में हुई. इससे पहले वह भारत आकर अमिताभ बच्चन के घर कुछ दिन रहीं थीं ताकि भारत को समझ सकें. सोनिया और राजीव गांधी के दो बच्चे हुए 1970 में राहुल गांधी और 1972 में प्रियंका गांधी.

31 अक्तूबर 1984 में जब इंदिरा गांधी की हत्या हुई तो सोनिया गांधी ने ही उन्हें सबसे पहले देखा था और उन्हें लेकर अस्पताल गयीं थीं. इस घटना ने उनके दिमाग पर बहुत असर डाला और वह यह बिलकुल नहीं चाहती थीं कि राहुल राजनीति में आयें.

1991 में जब राजीव गांधी की हत्या हुई तो सोनिया बिलकुल टूट गयीं और राजनीति से बिलकुल किनारा कर लिया. उनके साथ सिर्फ उनके बच्चे थे. लेकिन 1998 में सोनिया गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभाला और पार्टी में नयी जान फूंकी. इनके नेतृत्व में केंद्र में दो बार यूपीए ने चुनाव जीता और सरकार बनायी. हालांकि सोनिया गांधी ने अंतरात्मा की आवाज पर प्रधानमंत्री बनने से इनकार कर दिया.

यहां चर्चा कर दें कि सोनिया पिछले कुछ सालों से बीमार चल रही हैं और उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़ दिया और राहुल गांधी नये अध्यक्ष बने.

Prabhat Khabar Digital Desk
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