तिरूवनंतपुरम : केरल के ज्यादातर हिस्सों से बाढ़ का पानी उतरने के बाद अब वहां बुखार की परेशानी ने घर कर लिया है. लेप्टोस्पायरोसिस सहित अन्य बुखार के कारण 29 अगस्त से अभी तक नौ लोग मारे गये हैं. स्वास्थ्य सेवा निदेशालय के अनुसार, सोमवार को पलक्कड़ और कोझीकोड़ जिलों में लेप्टोस्पायरोसिस के कारण सोमवार को एक-एक व्यक्ति की मौत हो गयी.
अधिकारियों ने बताया कि राज्य के विभन्न अस्पतालों में 71 लोग लेप्टोस्पायरोसिस (रैट फीवर) से ग्रस्त पाये गये हैं, जबकि 123 लोगों में इस बीमारी के लक्षण मिले हैं. उन्होंने बताया कि सोमवार को 13,800 से ज्यादा लोगों ने अस्पतालों में विभिन्न बुखारों के लिए अपना इलाज कराया. इनमें से डेंगू के 11 मामले निकले जबकि 21 संदिग्ध मामले थे.
केंद्र ने पूर्वानुमान जताने में आईएमडी की ओर से चूक के आरोपों को नकारा
इधर , केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा कि मौसम विभाग ने पिछले महीने केरल के लिये जरूरी गंभीर मौसम की चेतावनी जारी की थी. उसने आईएमडी की तरफ से चूक होने के आरोपों का खंडन किया. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस) की ओर से जारी बयान के अनुसार मौसम विभाग के प्रतिनिधियों ने 9 अगस्त को मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन द्वारा आयोजित बैठक में भारी बारिश की गतिविधि के साथ मजबूत मानसून की स्थिति के बारे में राज्य के अधिकारियों को अवगत कराया था. बयान में कहा गया, "इसके अलावा अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व और आपदा प्रबंधन) को सभी अवसरों पर फोन पर मौखिक रूप से जानकारी दी गयी थी. सदस्य सचिव, एसडीएमए (राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण) को 10 अगस्त को बताया गया था. कोल्लम और तिरुवनंतपुरम के जिलाधिकारियों को 14 अगस्त को बताया गया था. इस अवधि के दौरान मीडिया को भी जानकारी दी गयी थी.’ एमओईएस ने कहा कि आईएमडी ने तिरुवनंतपुरम में अपने कार्यालय के माध्यम से सभी आवश्यक गंभीर मौसम संबंधी चेतावनियां जारी की थीं और दो सप्ताह पहले ही विस्तारित पूर्वानुमान सीमा जारी की गयी थी.
क्या कहा था मुख्यमंत्री ने
गौरतलब है कि 30 अगस्त को मुख्यमंत्री ने राज्य विधानसभा में कहा था कि इस अवधि के दौरान आईएमडी ने बारिश का पूर्वानुमान जताने में "चूक" की. आईएमडी ने राज्य में 9 और 15 अगस्त के बीच राज्य में अनुमानित 98.5 मिमी बारिश का पूर्वानुमान जताया था.