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कठुआ गैंगरेप-हत्या मामले में सुनवाई सोमवार से शुरू, उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं के विरोध में दिल्ली में प्रदर्शन

जम्मू / नयी दिल्‍ली : कठुआ बलात्कार-हत्या मामले में आठ आरोपियों के खिलाफ सुनवाई सोमवार से शुरू होगी. आरोपियों पर आरोप है कि उन्होंने आठ साल की लड़की को जनवरी में एक सप्ताह तक कठुआ जिले के एक गांव के मंदिर में बंधक बनाकर रखा गया था और उसे नशीला पदार्थ देकर उसके साथ बार […]

जम्मू / नयी दिल्‍ली : कठुआ बलात्कार-हत्या मामले में आठ आरोपियों के खिलाफ सुनवाई सोमवार से शुरू होगी. आरोपियों पर आरोप है कि उन्होंने आठ साल की लड़की को जनवरी में एक सप्ताह तक कठुआ जिले के एक गांव के मंदिर में बंधक बनाकर रखा गया था और उसे नशीला पदार्थ देकर उसके साथ बार बार बलात्कार किया गया और बाद में उसकी हत्या कर दी गई थी.

आरोपियों में एक नाबालिग भी शामिल है जिसके खिलाफ एक पृथक आरोपपत्र दायर किया गया है. अधिकारियों ने कहा कि कठुआ के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कानून के अनुसार एक आरोपपत्र को सुनवाई के लिए सत्र अदालत के पास भेजेंगे जिसमें सात लोग नामजद हैं.

हालांकि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नाबालिग के खिलाफ सुनवाई करेंगे क्योंकि किशोर कानून के तहत यह विशेष अदालत है. जम्मू कश्मीर सरकार ने इस संवेदनशील मामले में सुनवाई के लिए दो विशेष लोक अभियोजकों की नियुक्ति की है और दोनों ही सिख हैं. इसे इस मामले में हिन्दू मुस्लिम ध्रुवीकरण को देखते हुए ‘ तटस्थता ‘ सुनिश्चित करने का प्रयास माना जा रहा है.

इधर देश में बलात्कार, दलितों एवं अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं के विरोध में आज दिल्ली में ‘नॉट इन माय नेम’ के नाम से बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुआ. गुड़गांव में रहने वाली फिल्मकार सबा दीवान की अगुवाई में संसद मार्ग पर इकट्ठा हुए सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि उन्नाव कांड में पूरी तरह नाकाम हुई उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार बर्खास्त की जाए.

वहीं प्रदर्शन में शामिल हुए युवाओं, कलाकारों एवं छात्रों-छात्राओं ने सरकार से मांग की कि कठुआ कांड की पीड़िता के परिजन को सुरक्षा मुहैया कराई जाए और उन्हें कानूनी मदद भी दी जाए.

उच्चतम न्यायालय द्वारा 13 अप्रैल को जम्मू बार एसोसिएशन तथा कठुआ बार एसोसिएशन को आड़े हाथ लिये जाने के बाद अब सुनवाई सुचारू ढंग से चलने की उम्मीद है. शीर्ष अदालत ने इस मामले में कुछ वकीलों द्वारा न्यायिक प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न करने पर कड़ी आपत्ति जताई थी.

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा , न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने जम्मू उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन की भी आलोचना की थी जिसने प्रस्ताव पारित करके अदालती कार्यवाही में शामिल नहीं होने को कहा था.

अपराध शाखा द्वारा दायर आरोपपत्रों के अनुसार , बकरवाल समुदाय की लड़की का अपहरण , बलात्कार और हत्या एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा थी ताकि इस अल्पसंख्यक घुमंतू समुदाय को इलाके से हटाया जा सके.

इसमें कठुआ के एक छोटे गांव के एक मंदिर के रखरखाव करने वाले को इस अपराध का मुख्य साजिशकर्ता बताया गया है. सांजी राम ने कथित रूप से विशेष पुलिस अधिकारी दीपक खजूरिया और सुरेंद्र वर्मा , मित्र प्रवेश कुमार उर्फ मन्नु , राम के भतीजे एक नाबालिग और उसके बेटे विशाल उर्फ ‘ शम्मा ‘ के साथ मिलकर इस अपराध को अंजाम दिया। आरोपपत्र में जांच अधिकारी हेड कांस्टेबल तिलक राज और उपनिरीक्षक आनंद दत्ता को भी नामजद किया गया है जिन्होंने राम से चार लाख रुपये कथित रूप से लेकर महत्वपूर्ण सबूत नष्ट किये.

आठों आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं. अपराध शाखा जम्मू बार एसोसिएशन और कठुआ बार एसोसिएशन को उच्चतम न्यायालय के सामने 19 अप्रैल को पेश होने के लिए जारी नोटिस सौंपेंगी.

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