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जम्मू-कश्मीर में चोटी कटवा की अफवाह, Police-Public में भिड़ंत, 10 घायल

श्रीनगरः जम्मू-कश्मीर में चोटी की बढ़ती अफवाह के के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों की सुरक्षा बलों के साथ झड़प हो गयी. खबर है कि पुलिस आैर प्रदर्शनकारियों की इस झड़प में कम से कम 10 लोग घायल हो गये हैं. पुलिस ने कहा कि बारामुला जिले के बोनियार में चोटी कटवा की अफवाह […]

श्रीनगरः जम्मू-कश्मीर में चोटी की बढ़ती अफवाह के के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों की सुरक्षा बलों के साथ झड़प हो गयी. खबर है कि पुलिस आैर प्रदर्शनकारियों की इस झड़प में कम से कम 10 लोग घायल हो गये हैं. पुलिस ने कहा कि बारामुला जिले के बोनियार में चोटी कटवा की अफवाह से नाराज लोगों ने इलाके में प्रदर्शन किया. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिये पैलेट गन का इस्तेमाल किया.

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पुलिस ने दावा किया कि इस घटना में सात लोग घायल हो गये. हालांकि, एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि उन्होंने प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए सिर्फ आंसू गैस के गोले छोड़े थे और लाठियों का इस्तेमाल किया था. अधिकारियों ने कहा कि शहर के खनयार और मायसुमा इलाके से भी प्रदर्शन किये जाने के मामले सामने आये. इस दौरान हुई झड़प में तीन लोगों को मामूली चोट आयी. उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों को हल्का बल प्रयोग कर मौके से हटा दिया गया.

कर्इ राज्यों से होकर अब जम्मू-कश्मीर पहुंची है अफवाह

गौरतलब है कि राजस्थान के जैसलमेर जिले के एक गांव से फैली महिलाआें की चोटी काटने की अफवाह दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ आैर महाराष्ट्र के कुछ इलाकों से होते हुए अब देश के उत्तरी भाग जम्मू-कश्मीर तक पहुंच गयी है. जुलार्इ के पहले सप्ताह में ही राजस्थान के जैसलमेर से फैली इस अफवाह में अब तक के कर्इ तरह के दावे किये जा रहे हैं. चोटी कटवा की यह अफवाह भी देश की राजधानी दिल्ली आैर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में फैली ब्लैक मंकी की अफवाह की तरह ही साबित हो रही है.

2001 में एनसीआर में काले बंदर की अफवाह ने मचाया था बवाल

वर्ष 2001 में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र फैली अफवाह के बीच पुलिस आैर पब्लिक मिलकर भी ब्लैक मंकी को खोज नहीं पायी थी. हालांकि, उस समय ब्लैक मंकी या काला बंद की अफवाह में कर्इ लोगों की जान चली गयी थी आैर कर्इ लोग गंभीर रूप से घायल हो गये थे. लोग रात-रात भर जागकर समय बिताते आैर मोहल्ले के लोगों की रक्षा में जुटे रहते.

जुलार्इ से ही अफवाह ने देश के पुलिस आैर पब्लिक की नाक में कर रखा है दम

ठीक इसके 17 साल बाद इस साल जुलार्इ के महीने से ही देश में महिलाआें की चोटी काटने की अफवाह ने देश की जनता आैर पुलिस की नाक में दम कर रखा है. हालांकि, अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हो पायी है कि आखिर इस प्रकार की घटनाआें को अंजाम कौन देता है आैर किसकी चोटी कब काटी गयी.

अफवाह की जन्मस्थली फलिया गांव के लोगों ने किया था शिकार से इनकार

इस साल जुलार्इ के महीने में दावा किया गया कि जैसलमेर के पास फुलिया गांव में चोटी काटने की घटना की शिकार दो महिलाएं हुर्इ हैं. जिन महिलाओं के साथ इस तरह की कथित घटनाएं हुईं, मीडिया के लोगों ने उनके परिजनों से पड़ताल करने पर पहले तो यह कहा गया कि चोटी काटने की घटना हुई है, लेकिन जब इस घटना की शिकार दोनों महिलाआें से बात करने की कोशिश की गयी, तो उनके परिजनों ने कहा कि इस तरह की घटना नहीं है, यह सब झूठ था.

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