Putin India Visit: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन डिनर के लिए राष्ट्रपति भवन पहुंच चुके हैं. भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनका हार्दिक स्वागत किया. इधर, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में आयोजित डिनर को लेकर सियासी पारा गर्म है. कांग्रेस ने दावा किया है कि रूसी पुतिन के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में आयोजित राजकीय भोज में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को आमंत्रित नहीं किया गया है. हालांकि मुख्य विपक्षी दल के दावे पर सरकार की तरफ से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट में लिखा- ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या लोकसभा में विपक्ष के नेता और राज्यसभा में विपक्ष के नेता को राष्ट्रपति पुतिन के सम्मान में आज रात आयोजित राजकीय भोज के लिए आमंत्रित किया गया है. नहीं, दोनों नेता प्रतिपक्ष को आमंत्रित नहीं किया गया है.
रात्रिभोज में शामिल हैं शशि थरूर
इधर, कांग्रेस पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने पार्टी सांसद शशि थरूर के इस भोज में शामिल होने के फैसले को लेकर उन पर कटाक्ष किया है. खेड़ा ने कहा कि इस निमंत्रण को स्वीकार करने वाले सवालों के घेरे में आते हैं. खेड़ा ने कहा- दोनों सदनों के नेता प्रतिपक्ष को आमंत्रित नहीं किया गया है. यह हैरानी की बात है, लेकिन इस सरकार में इससे हैरान नहीं होना चाहिए क्योंकि यह सरकार सभी प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने के लिए जानी जाती है.
हम होते तो अंतरात्मा की आवाज जरूर सुनते- पवन खेड़ा
वही, कांग्रेस सांसद शशि थरूर के इस भोज में शामिल होने के फैसले के बारे में पूछे जाने पर खेड़ा ने कहा- आप उनसे पूछिए, हम होते तो अपनी अंतरात्मा की आवाज जरूर सुनते. जिस तरह से यह आमंत्रण दिया गया है वो सवालों के घेरे में आता है और जो निमंत्रण को स्वीकार कर रहा है वो भी सवाल के घेरे में आता है. इससे पहले मीडिया से बात करते हुए शशि थरूर ने कहा था कि उन्हें संसद की विदेश मामलों की समिति के प्रमुख के तौर पर इस भोज के लिए आमंत्रित किया गया है.
पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन में हुई वार्ता
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच कई मुद्दों पर बातचीत हुई और कई समझौतों पर सहमति बनी. समझौतों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भरोसा जताया कि भारत और रूस के बीच 100 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार लक्ष्य 2030 से पहले ही हासिल कर लिया जाएगा. मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने भारत और रूस के बीच व्यापार और आर्थिक संबंधों को प्रगाढ़ करने के नए कदमों की घोषणा भी की. भारत और रूस ने अमेरिका की ओर से हाई टैरिफ और प्रतिबंध लगाने से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए आर्थिक और व्यापारिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए एक पंचवर्षीय योजना पर सहमति बनायी है.

