नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने ब्लू व्हेल चैलेंज गेम पर प्रतिबंध लगाने के लिए तमिलनाडु के 73 वर्षीय व्यक्ति की याचिका पर शुक्रवार को केंद्र सरकार से जवाब मांगा. अनेक बच्चों की मौत की घटनाएं इस खेल से जुड़ी हुई हैं. शीर्ष अदालत ने अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल से इस मामले में सहायता करने का भी आग्रह किया है.
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड़ की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने वकील एनएस पोन्नैया की याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया. केंद्र को तीन सप्ताह के भीतर नोटिस का जवाब देना है. शीर्ष अदालत 11 सितंबर को इस याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गयी थी. इस याचिका में अन्य बातों के अलावा जनता में इस ऑन लाइन खेल के बारे में जागरूकता पैदा करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है. याचिका में कहा गया है कि मीडिया के अनुसार पांच सितंबर तक यह आॅन लाइन ब्लू व्हेल गेम खेलने के बाद कम से कम दो सौ व्यक्तियों ने आत्महत्या की है. इनमें अधिकांश 13 से 15 साल की आयु के किशोरवय बच्चे हैं.
याचिका के अनुसार मदुरै सिटी पुलिस ने पुष्टि की है कि यह गेम खेलने के बाद आत्महत्या करनेवाले काॅलेज के एक छात्र ने इसे 150 से अधिक मित्रों को प्रेषित किया था. दिल्ली उच्च न्यायालय ने 22 अगस्त को ब्लू व्हैल चैलेंज गेम के लिंक हटाने का निर्देश देने के लिए दायर याचिका पर फेसबुक, गूगल और याहू से जवाब मांगा था.